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सुबह सुबह पार्क में एक सजन मिले, पिछली जान पहिचान नहीं थी, आते ही ” न जान न पहिचान मैं तेरा महिमान”, उन्होंने अपनी दोस्ती का हाथ आगे बढ़ा दिया ! मैंने हाथ नहीं बढ़ाया, कहा “भय्या जी माफ़ करना मैं किसी अनजान से हाथ नहीं मिलाता ! आजकल अनजान लोग हाथ मिलाते मिलाते गर्दन तक पकड़ लेते हैं, लूट मार कर भाग जाते हैं ! और तो और गुंडे या पुलिस की वर्दी में आते हैं या खुद वर्दी दारी ही वर्दी का नाजायज फायदा उठा कर दिन दहाड़े लूट मचा देते हैं ! इसलिए आजकल मैं हर कदम फूंक फूंक कर आगे बढाता हूँ, हर किसी से हाथ नहीं मिलाता हूँ ! सजन बोले “डरो नहीं जनाब हम कोई गैर नहीं जनता के खैर ख्वाह हैं, कुदरत द्वारा इंसान को इनायत की गयी जडी बूटियों को पर्वतों और कंदराओं से ढूंढ ढूंढ कर उन्हें कुटवाता हूँ, पाउडर बनाकर दूसरी बनस्पतियों के साथ मिलाकर दवा बनाकर जनता जनता को रोग मुक्त करने का प्रयत्न करता हूँ मैं आयुर्वेदिक वैद्य हूँ ! आपको बिलकुल ही सिकुडू मल पहलवान समझ कर आपसे हाथ मिलाने का दिल किया इसलिए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया ! वैसे मैं भी किसी ऐरे गिरे से हाथ नहीं मिलाता ! छोड़ो, अब तो जान पहिचान हो गयी है, आपको देख कर लगता है की आप आजकल कुछ लेते नहीं हैं ! आप कुछ लेते क्यों नहीं हैं ? साढे पांच फीट के लम्बे स्वस्थ इंसान का वजन कम से कम ६० -६५ केजी होना चाहिए लेकिन भाई जान आप ने तो सारी हद्दें पार कर दी हैं और ५० केजी वजन पर ऐसी रोक लगा दी है जैसे डीजल के दाम बढ़ने पर आम जनता ने सरकार के कामों पर रोक लगा दी है” ! मैंने कहा “वैद्य जी मैं सब कुछ लेता हूँ, जो इस शरीर को पुष्ट करने के लिए जरूरी हैं ! फिर भी मेरे वलिष्ट सिकुडूमल इमेज को देखकर आपको लगता है की मुझे कुछ लेना चाहिए तो बताइए मुझे क्या लेना चाहिए ? वैसे सरकार खुले दिल से कभी पेट्रोल के दाम बढ़ा देती है, कभी डीजल के दाम बढ़ा कर जनता के क्रोध को भड़का देती है, इसी का फायदा उठा कर व्यापारी दुकानदार, सब्जी वाला, फल वाला, जनरल स्टोर वाला, आइसक्रीम दूध वाला, रेडी वाला, खाने पीने के दाम बढ़ा देता है ! मेट्रो रेल और बस वाले किराया बढ़ा देते हैं, जनता ने बच्चे भी पालने हैं, उन्हें स्कूल अच्छी युनिफ़ोर्म पहिनाकर भेजना है, उन्हें भारत का भविष्य बनाना है, ओलम्पिक, एशियाड, कामनवेल्थ गेमों में गोल्ड, सिल्वर मैडल लेने के लिए तैयार करना है ! क्रिकेटियर बनाकर एक ही मैच में करोड़ों पर हाथ साफ़ करने का तिकड़म लड़ाना है ! बाहर मंहगाई तो दो, चार, आठ, सोलह, और बतीस के रेसो से बढ़ रही है लेकिन जेब में आने वाली पगार का रेसो एक दो तीन चार है इस हालत में वैद्य राज जी आप ही बताएं ‘ये कुछ लेने के लिए’ जेब में पैसे बचते ही नहीं हैं !” वे बोले “चिंता मत कीजिए मेरी कंपनी मार्क की ये हर्बल की गोली लीजिए, एक महीने तक रोज २२ गोली लेनी पड़ेगी, रिजल्ट आपको १५ दिन के अन्दर अन्दर ही नजर आने लगेगा ! एक सीसी ६० कैप्सूल सौ रुपया केवल ! छह महीने का कोर्स है, बिना नागा किए कोर्स पूरा करें और दारासिंह तो नहीं पर सुशील कुमार जरूर बन
जाएँगे !
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