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महंगाई

jagate raho
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कैबिनेट ने केन्द्रीय सरकार के करोड़ों का घाटा पूरा करने के लिए डीजल पर केवल मात्र पांच रूपये बढा दिए एक लीटर पर साथ ही रसोई गैस भी मंहगी हो गयी ! सरकार को यह करना पड़ता है, चाहे अपने घोटाले बाज मंत्रियों को बचाने के लिए ही सही, लेकिन जनता को क्या हो गया विरोध में सडकों पर उतर आई है जैसे देश में जल जला आ गया हो ! अरे सरकार ने भ्रष्टाचार में गँवाए रुपयों की भरपाई करनी थी लेकिन जनता को कौन समझाए ! इधर सरकार भी चोट पर चोट खाकर अब काफी मजबूत हो गयी है, आतंकवाद की चोट, बौफर्स गनों की खरीद में कमीशन लेने की चोट, हर दिन एक घोटाला सर पर पड़ती चोट, हर फ्रंट पर लड़ने के लिए है तैयार ! अरे भाजपा तो हमेशा से राजनीति खेलती आई है लेकिन जनता ने उसको ज्यादा घास नहीं डाली पर अब जनता सजग हो गयी है क्योंकि अब के सरकार ने डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाकर जनता की जेब पर सीधा ही डाका डाल दिया ! जनता का कहना है की डीजल मंहगा होने से, ट्रांसपोर्टेशन मंहगी हो गयी नतीजा सारी खान पान की वस्तुवों की कीमत सरकार द्वारा की गयी घोषणा के साथ ही आसमान छूने लगी हैं ! इधर हमारे नए वित् मंत्री का कहना है की ‘ मंहगाई कहाँ बढ़ी है जनता तो आज भी दूध भी पी रही है साथ ही खाना भी खा रही है ‘ ! ये ड्रामा तो हर बारे होता है, सरकार ने दूध की कीमत बढ़ाई, कुछ दिनों तक शोर शराबा हुआ फिर सब नॉर्मल हो गया ! इसी तरह जब पेट्रोल के दाम बढे थे ऐसा ही सीन नजर आया था !
– अब की बार भी लोग रोड ब्लाक करेंगे, आन्दोलन करेंगे, नारा लगाएंगे, नेताओं के पुतले फूंकेंगे थक जाएंगे चुप होकर बैठ जाएंगे ! वित् मंत्री जी का कहना है –
‘मंहगाई कहाँ है, सामान बिक रहा है,
आक्रोश तो है जनता में फिर भी खुश दिख रहा है,
विपक्ष तो बेकार ही हल रहा है
गरीब का बच्चा इस मंगाई में भी पल रहा है !
फिर महंगाई कहाँ है,
डीजल पर पांच रूपया प्रति लीटर ही बढा है,
वो देखो किसान का बेटा फिर भी
शादी करने घोडी चढ़ा है !
महंगाई की बेल अपने कार्य काल में
भाजपा ने लगाई ,
फल तो खुद खा गयी,
पीछे कांटे बिछा गयी !
हम विकास चाहते हैं,
तीस हजार करोड़ मिलेंगे,
ये सारी रकम हम
दलाली में नहीं
विकास मेंखर्च करेंगे !
विप्पक्ष का काम है विरोध करना,
अच्छे काम पर भी उनका धरना,
हमारा काम शासन करना,
आँख कान बंद कर आगे चलना !
हम वहां जनता जहां
फिर बताओ मंहगाई कहाँ ?

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