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यह भारत देश है यहाँ हर कदम पर हट पर हट है, राज हट, केकई हट, स्त्री हट और अब एक और हट और जुड़ गया ममता हट ! सही मानों में ममता जी का हट देश की असंख्य जनता के सुख दुःख की चिंता नहीं है, उनका बार बार हट करना, मनमोहन सरकार का बारबार झुकना, उसकी मांगो को पूरा करना, केंद्र सरकार में रेलवे मंत्रालय पर अपना वर्वच्व रखना, मौजूदा केंद्र सरकार में अपने अस्तित्व को और घटक दलों से ऊँचा और महत्त्व पूर्ण स्थान पर कब्ज़ा करना, आसानी से नहीं तो हट रूपी शस्त्र का इस्तेमाल करके अपने को सुपरवोमन का दर्जा हासिल करना ! राष्ट्रपति चुनाव में भी अड़ी रही ममता जी, लेकिन चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेसियों ने अपने प्रदेश का हवाला देकर ममता के बंगला हमार के सोते हुए प्रेम को जगा दिया और मुलायमसिंह जैसे दिग्गजों को भी धत्ता देकर कांग्रेस के प्रत्यासी श्री प्रणव मुकर्जी को अपनी पार्टी का समर्थन देकर उन्हें जीता दिया ! देश में २०१४ में होने वाले संसद के चुनाव में मुलायमसिंह जी की अगुवाई में कांग्रेस – भाजपा को सता से अलग रखने के लिए तीसरे मोर्चे की बनी बनाई संरचना खटाई में पड़ गयी, केवल ममता दीदी के अड़ियल पन से ! ममता जी ने कभी भी न तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार से विरोध प्रकट किया ! अब जब की केंद्र सरकार के बड़े बड़े नेता, मंत्री कोयला आवंटन घोटालें में अपने हाथ काले कर रहे हैं, प्रधान मंत्री आँख कान बंद करके चुपचाप इस खेल को नजदीक से देख देख करके कभी चेहरे पर गंभीरता और कभी मुस्कान ला रहे हैं, लेकिन न कोई प्रतिक्रया दे रहे हैं न अपना मुंह ही खोल रहे
हैं, लगता है दीदी इन मुद्दों से भी मुंह मोड़ रही है ! हाँ डीजल प्रति लीटर पांच रुपये महँगी, कुकिंग गैस पर सब्सिडी, केंद्र सरकार के इस फैसले ने सारे देश के मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों की नींद उड़ा दी तो दीदी को भी अपने मुख्यमंत्री पद के दायित्वों का अहसास हुआ और उन्होंने फिर हट का सहारा लेकर सरकार पर दबाव बना दिया ! अब के वे एक कदम आगे बढ़ गयी की अगर सोनिया जी और प्रधान मंत्री ने उनकी मांगे शुक्रवार तक नहीं मानी तो उनकी पार्टी के सारे मंत्री अपने मंत्री पदों से इस्तीफा दे देंगे ! लेकिन राजनीति के खिलाड़ियों को पता है की अब के भी ममता दीदी फिर से मान जाएगी और कांग्रेस सरकार केंद्र में फिर से मध्यवदी चुनाव से साफ़ बच जाएगी ! दीदी का अब का यह श्रिया हट कहीं उस मजदूर की मांग की तरह तो नहीं है जिसने अपने मालिक को अल्टीमेटम दिया की “टेकेदार जी या तो मेरी मजदूरी बढ़ा दो नहीं तो “, “नहीं तो क्या करेगा”, ठेकेदार बोला ! हजूर उतनी मजदूरी में ही काम कर लूँगा ” ! भाजपा और सीपीएम भी स्थिति पर पैनी नजर गडाए हुए है, उधर मुलायम मायावती, डीएमके और तमाम सरकार के सहयोगी बोर्डर लाइन पर खड़े हैं जिधर की आंधी तेज चलेगी उधर उड़ जाएंगे ! वैसे डूबते जहाज से सबसे पहले चूहे भागते हैं ! लालू अपने चार सांसदों के बल पर ऐंठ रहे हैं ! सोनिया राहुल के खासम ख़ास दिग्ग्विजय सिंह अपनी चोंच खोल रहे हैं और बोल रहे हैं “सरकार को कोई खतरा नहीं है ” लेकिन अन्दर ही अन्दर प्रधाम मंत्री सहित पूरी सरकार डर रही है !
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