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मानसिक संतुलन कब बिगड़ जाता है ?

jagate raho
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हमारे मोहले में आजकल बाजारी कुतों का जमघट हो रखा है ! बहुत सारे रंग बिरंगे छोटे बड़े मोटे पतले कुतों की फ़ौज ने मोहल्ले की सारी सडकों को छावनी में तब्दील कर दिया है ! इन्हें हटाया भी नहीं जा सकता ! मेनका गांधी जी ने इन बाजारी कुतों को सरकारी सरंक्षण दिया है और उनके जीने के हक़ को न्यायालयों से भी कानूनी स्टेम्प लगवा दी है ! ये कुत्ते रोज साढ़े तीन बजे रात को एक साथ भोंकना शुरू करते थे की मोहल्ले वालों को टाईम का पता लग जाता था ! इन कुतों में एक मोटा तगड़ा और रौबदार कुता था जो इनका सरदार था और सब कुतों को नियंत्रण में रखता था ! बाहर का कोई कुता इलाके में बिना इस सरदार कुत्ते की इजाजत के प्रवेश नहीं कर सकता था ! सब कुछ अमन चैन था ! छोटा मोटा कोई भूला भटका कुता गलती से इधर आ जाता था तो सारे कुते एक साथ टूट पड़ते थे उस पर और वह क्यां क्यां करके पूछ दबा कर भाग जाता था दुबारा कभी न आने की कसम खाकर ! मोहल्ले का यह लीडर कुता चौड़ा होकर मोहले की हर गली नुकड़ चौराहों में अपने चार पांच चमचे कुतों के साथ निर्भय होकर घूमता था, जिसको चाहे डरा दे, न डरने वाले को काट भी देता था ! धीरे धीरे इस कुत्ते की शैतानी ज्यादा ही बढ़ने लगी ! लोग उसे लाठी भी नहीं मार सकते थे, जानवरों के प्रति क्रूरता का अभियोग लगने का खतरा था ! मोहल्ले के लोग परेशान थे, पुलिस में रिपोर्ट लिखाई, उनहोंने कोर्ट के आदेशों की प्रति दिखाकर हमारी रिपोर्ट रद्दी की टोकरी के हवाले कर दी ! नगर निगम के अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटे लेकिन वहां से भी मोहल्ले वालों के वरिष्ट नागरिकों को बैरंग लौटा दिया गया ! लेकिन सब दिन एक सामान नहीं होते ! बकरी की माँ कब तक खैर मनाएगी एक दिन गरदन किसी गंडासे के नीचे जरूर आएगी ! एक दिन रात के दाई बजे एक मोटा तगडा मजबूत कद काठी का कुता अचानक मोहल्ले में आ गया ! वह सीना ताने बड़ी मस्त चाल से चला आ रहा था ! चलते चलते वह कुतों की छावनी में पहुँच गया ! एक अजनवी कुते को अपने बीच पाकर सारे कुत्ते जग गए और एक ताल ध्वनी और कर्कश आवाज में भोंकने लगे ! सारा मोहल्ला जाग गया ! कुतों का लीडर अलग अपनी गुफा में गहरी नींद में सोया पड़ा था ! दो गार्ड कुत्ते उसे जगाने उसकी गुफा की तरफ भागे, उनसे पहले ही यह अजनवी कुता उस लीडर कुत्ते की गुफा में प्रवेश कर गया था और सोये हुए कुत्ते को काट काट कर बिलकुल ही अपंग बना दिया ! चंद मिनटों में सारा राज पाट पर एक विदेशी कुत्ते ने अपना अधिकार जमा दिया ! जख्मी कुता न भाग सकता था और न उस विदेशी कुत्ते का विरोध कर सकता था ! अब जब भी पुराना लीडर नए लीडर को देखता था तो एक असमर्थ असहाय बेवश बनकर क्यां क्यां करके अपनी झुंझलाहट को जाहिर करता था ! अब उसे खुजली की बिमारी और लग गयी थी ! जब भी किसी कुत्ते को अपनी तरफ आते देखता था तो आपे से बाहर हो जाता था, भोंकते भोंकते बेदम होकर हांपने लगता था और बेहोश होकर गिर पड़ता था ! आज वह हर किसी पर भोंकने लगता है और किसी के भी पीछे भागने का असफल प्रयास करता है ! आज वह उस भ्रष्ट केन्द्रीय मंत्री की तरह विहेव करता है जिसके घोटालों का भांडा जनता के सामने चौराहे पर फूट गया हो और वह मानसिक मरीज होकर किसी पर भी चाहे वह मिडिया का कोई पत्रकार हो, सीबीआई, रा, आयकर विभाग, सामाजिक कार्यकर्ता, मानव अधिकार आयोग का अधिकारी, यहाँ तक कल तक के उसके खुद के चमचों पर भी गुर्राने लगता है, उटपटांग बकने लगता है ! किसी को भी धमकी देने लगता है, मारने मरने की बातें करता है ! दया आती है ऐसे असमर्थ कुते पर वनाम उस भ्रष्ट पर ………. हरेंद्रसिंह रावत

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