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वो दिन कभी तो आएगा,
वो दिन कभी तो आएगा,
स्नेह दीप जलाएगा,
नफ़रत की काली घटा
विखर विखर जाएगा,
प्रेम और शान्ति से विश्व जग जमाएगा,
वो दिन कभी तो आएगा ! वो०….
बच्चा बच्चा देश का फिर से मुस्कराएगा,
नन्ने नन्ने हाथों में तिरंगा उठेगा,
देश का सिपाही बनके दुष्टता हटाएगा,
इनकी मुस्कान से घर भी जगमगाएगा,
गुलशन का फूल इनसे लिपट लिपट जाएगा !
जहाँ जहाँ जाएंगे शोर खूब मचाएंगे,
तूतली तूतली भाषा में मधुर गीत गाएंगे,
इनकी खिलखिलाहटों से देश जगमगाएगा,
वो दिन कभी तो आएगा, वो दिन कभी तो आएगा !
काला धन विदेश से वापिस चला आएगा,
भ्रष्ट दुष्ट पापियों का नकाब उतर जाएगा,
बुजुर्गों के चेहरों में ख़ुशी झलक आएगी,
हर कोई फिर उन्हें इज्जत से बुलाएगा,
बिमारी इनके इर्द गिर्द झांकने न पाएगा,
हर बुजुर्ग घर में अपने फिर से पूजा जाएगा !
नारी हर समाज में मान सम्मान पाएगी,
माँ बहिन बेटी बन घर को स्वर्ग बनाएगी,
न होगा गरीब कोई न कोई चोर होगा,
ये नेता रिश्वत खाता न कोई शोर होगा,
हर अफराधी भ्रष्टाचारी जेल भेजा जाएगा,
वो दिन कभी तो आएगा, वो दिन कभी तो आएगा !
जहाँ हर देश वासी सुरक्षित हो पाएगा,
संत होके भी सता तख़्त हिलाएगा,
भ्रष्ट रिश्वत खोरों को जेल भिजवाएगा,
पापी कलुषित मन में स्नेह दीप जलाएगा,
प्रदूषण के दैत्य को अवनी से हटाएगा,
प्रदूषित धरती ये फिर स्वर्ग बन जाएगा !
स्वप्न में हम जी रहे क्या ये सब हो पाएगा,
वो दिन कभी तो आएगा, वो दिन कभी तो आएगा !
हरेंद्रसिंह रावत
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