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जहाँ नारी माँ स्नेह और प्यार की देवी है !

jagate raho
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नारी सभ्य समाज में समाज का दर्पण है जहाँ वह एक विशिष्ट स्थान रखती है, माँ बनकर अपने पुत्र के खातिर अपना सुख चैन सब दाव पर लगा देती है ! अपना स्नेह और प्यार बच्चे की खुशहाली पर लुटा देती है, अपने बच्चे का मामूली सा कष्ट भी उसकी नींद भूख उड़ा देती है ! वह बहिन है भाई के लिए अपना सारा प्यार लुटा देती है, यहाँ भी वह स्नेह की देवी की भूमिका निभाती है ! रक्षा बंधन पर भाई प्यारी बहिन से राखी बंधाता है और उसकी रक्षा का पूरा जिम्मा लेता है और बहिन भाई की छत्र छाया के रक्षा कवच में अपने को सुरक्षित महसूश करती है ! वह बिटिया बनकर घर के आँगन में खुशियाँ बिखेरती है ! पत्नी बनकर वह सावित्री बन जाती है और अपने सतीत्व के बल पर अपने पति की आत्मा को यम राज से भी छुड़ा के ले आती है ! जहाँ एक ओर वह स्नेह और शांति की प्रति मूर्ती है वहीँ वह दुष्ट, दुर्दांत, दैत्य और इंसान के रूप में आततायी भेड़ियों के लिए साक्षात दुर्गा है, काली महाकाली है ! जिस समाज में नारी का आदर, सम्मान और इज्जत होती है वह समाज सदा आदर्णीय सभ्य संस्कृतिनिष्ट प्रगतिशील समाज कहलाता है ! भारत का इतिहास तो इसका जीता जागता उदाहरण है ! झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, दुर्गावती, पन्नाबाई, रजियाबेगम, आदि नारियों के नाम इतिहास के पन्नों में सितारों की तरह जगमगा रहे हैं !
आज जब की नारी नर के साथ कंधे से कन्धा मिला कर हर क्षेत्र में देश की प्रगति में सहयोग कर रही है, वह समुद्र की गहराई से लेकर आसमान की ऊंचाइयों को नाप रही हैं, यहाँ तक सीमा की सुरक्षा के लिए सेना के तीनों अंगों में भी अपनी पहिचान बना रही हैं, बचिन्द्र्पालसिंह एक नारी ही है जिसने एवरेष्ट की चोटी पर चढ़ कर प्रथम महिला पर्वतारोहण होने का गौरव प्राप्त किया ! सानिया नेहवाल, अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला को भला कौन भूल सकता है ! और तो और देश की राजनीति में महत्वपूर्ण पदों में भी अपनी भूमिका वखूबी निभा रही हैं नारियां तो फिर कुछ निष्क्रिय राजनेता, समाज के स्वयंभू खप पंचायतों के उच्चपदाधिकारी नारी के अस्तित्व पर, उनकी योग्यता पर ही प्रश्नचिन्ह क्यों लगा रहे हैं ! एक तरफ संसद, विधान सभाओं में नारी आरक्षण की बाते हो रही हैं वहीँ समाज के कुछ पापी दरिन्दे जो नारी की कमजोरी का फायदा उठाकर उनकी इज्जत से खेल रहे हैं ! निसहाय असमर्थ, नादान लड़कियों का अपहरण करके उनके साथ जबरदस्ती कुकर्म किये जाते हैं, कहीं कहीं तो गेंग रेप करके पीडिता को जान से भी मार डालते हैं ! पुलिस की भूमिका भी ऐसे केसों में संदेह के दायरे में आजाती है वे बजाय पीडिता की सहायता के उल्टा सक्षम ऊँची नाक वाले अफाराधियों की सहायता करती है ! चंद पैसों के लिए सुरक्षा कर्मी अपनी वर्दी पर घूस खोरी का दाग तक लगा देते हैं और पहले तो एफ आर आई दर्ज नहीं होती, जनता प्रेशर से अगर रिपोर्ट दर्ज भी हो गयी तो बेजान चार्ज लगा कर केस को कमजोर करवा देते हैं ! वे ये नहीं समझते की इस तरह के दुष्कर्म उनके अपने किसी परिवार के सदस्य के साथ भी हो सकता है ! जो केस मिडिया में आजाते हैं वे रिकार्ड में आजाते हैं बाकी बहुत सारे केसों में पीड़ित परिवार अपना सब कुछ दाव पर लगा देते हैं न्याय पाने के लिए, पर उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं होती ! क्या पापी दरिंदों को इस तरह के घृणित दुष्कर्म करते हुए किसी नादान को अपने हवस का शिकार बनाते हुए अपनी माँ बहिने, बहु बेटी याद नहीं आती ? हमारा समाज नाते रिश्तों के जंजीरों से जकड़ा हुआ एक विशाल कुटुंब है ! वासुदेव कुटुम्बकम की चादर ओढ़े हम अपनी पत्नी के अलावा बाकी विश्व की सारी नारी जाति को दादी, माँ, बहिन, बेटी, बुवा का दर्जा देते हैं ! ऐसे परम्पराओं में लिपटे हुए सभ्यता की सफ़ेद चद्दर ओढ़े हुए समाज में भी अगर ऐसे नीच प्राणी हमारे बीच हैं तो उन्हें सड़े गले आलू की तरह बाहर फेंक देना चाहिए ! ऐसे कुकर्मियों के माँ बाप को ऐसे दुष्ट की मदद करने की जगह उसे घर से निकाल देना चाहिए ! समाज सुधार में उनका भी नैतिक कर्तव्य है ! हमारे समाज सुधारक, संत, महात्मा, कथावाचक, समय समय पर अपनी मधुरवाणी से ज्ञान और भक्ति की वर्षा करते रहते हैं और बहुत से भक्त गण इस अमृत वर्षा में स्नान भी करते हैं फिर ऐसे सुभाषित वातावरण में तमोगुणी राक्षस कैसे पैदा हो जाते हैं !
हमारी सरकार, हमारे प्रतिनिधि जिन पर हम विश्वास करते हैं की वे दीन दुखी पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे, लेकिन हाल ही में हरियाणा के मंत्रियों ने गंग रैप केसों के पीड़ितों के जख्मों पर अपनी कड़वी जवान से जो नमक छिड़का है उससे उनकी नियत अफराधियों को बचाने का सडयंत्र जनता के सामने स्पष्ट हो गया ! क्या ऐसे गैरजिम्मेदार नेता जनता के सेवक प्रतिनिधि बनने के लायक हैं? अगले चुनाव में जनता को ऐसे सफ़ेद पोश भेडियों से बचना होगा !
हरियाणा के भूत पूर्व मुख्य मंत्री ने खप पंचायतों की हाँ में हाँ मिलाते हुए कह दिया की लड़कियों को रैप जैसे जघन्य जुर्मों से बचाना है तो उनकी शादी की उम्र घटाकर १८ से १७ कर देनी चाहिए ! क्या ये खप पंचायत के मठाधीश, श्री ओमप्रकाश चोटाला ये गारंटी दे सकते हैं की १७ साल की उम्र में शादी करके लड़कियां अपना कौमार्य बचा पाएंगी, ये जघन्य अफराध हरियाणा के साथ साथ देश से भी मिट जाएंगे ! जो अफराध विवाहिता नारियों के साथ हो रहे हैं उन पर ये समाज सुधारक क्यों चुप्पी साधे हुए हैं !
समाज में भटके हुए नव जवानों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देनी अनिवार्य होनी चाहिए ! लड़कियों को शिक्षा के साथ साथ अपनी सूरक्षा करने की टेकनिक भी सिखाई जानी चाहिए, जैसे जुडो कराटे, कुस्ती, बौक्सिंग ! कुछ गुप्त ज्ञान की भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए जिससे अकेली लड़की दरिंदों को चोट पहुंचा कर अपना बचाव कर सके ! १७ साल में शादी की सिफारिस करना किसी भी तरह सही नहीं हो सकता ! ये इक्कीसवीं सदी विज्ञान का युग है ! सविधान में सभी को शिक्षित करने आदेश है ! १७ साल में एक लड़की आज के माहोल में मुश्किल से १०वीं पास कर पाती है ! बहुत सी लड़कियां अपना कैरियर बनाने के लिए आगे की पढाई जारी रखना चाहते हैं, फिर हरियाणा की लड़कियां एशियाड, कामनवेल्थ और ओलम्पिक खेलों में अपना जौहर दिखा चुकी हैं, इस तरह खेलों में अपने देश व् प्रान्त के नाम को रोशन करने का भी जज्वा इन लड़कियों में है, फिर अगर वे शादी के बंधन में बाँध दी जाएंगी तो अपने स्वपनों को फलीभूत कैसे कर पाएंगी !
हाँ रेपिष्ट को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिसे सुनकर अफाराधियों के साथ उनके पूरे परिवार वालों की भी रूह काँप उठे ! कोई भी ऐसे जघन्य अफराध करने वाला पहले १०बार सोचे ! पुलिस सिपाही, अधिकारी जो अफराधियों की मदद करने का जुर्म करता हुआ पाया गया उसे भी शक्त से शक्त सजा दी जानी चाहिए ! ऐसे केसों के लिए स्पेसल स्यल की व्यवस्था होनी चाहिए और पुलिस थाने में जैसे ही कोई पीड़ित महिला या लड़की रिपोर्ट लिखवाने जाय तो पुलिस वाले इस तरह के केसों को प्रार्थमिकता दे ! जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो ! जांच अधिकारी को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए ! जो लोग जांच में बिघ्न वाधा डालने की कोशिश करते हैं उन्हें भी जेल में बंद कर दिया जाना चाहिए ! पीड़ित और उसके परिवार की सुरक्षा का दायित्व पुलिस थाने की होनी चाहिए ! जब ऐसे क़ानून बनेंगे तभी ये जघन्य अफराध कम होंगे ! हरेंद्रसिंह रावत

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