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२0१२ भ्रष्टाचार निवारण आन्दोलन के लिए जाना जाएगा ! पिछले घोटाले कैरी फोरवार्ड
किया गया तथा नित नए घोटाले इस में जोड़ कर इजाफा किया गया ! देश प्रगतिशील है इसलिए भ्रष्टाचारी नेता लोग देश की प्रगति में जोशो खरोश के साथ अपना पूरा जोर लगा रहे हैं और जनता के धन को दोनों हाथों से कुछ जेब में कुछ मुंह में और कुछ पेट, के हवाले कर रहे हैं ! अपने शक्ति और गरिमा का कौशल दिखा रहे हैं भ्रष्टाचार के गढढे को गहरा विकासशील बनाने में केन्द्रीय सरकार के मुखिया को सहयोग दे रहे हैं और बदले में जितना बड़ा घपला उतना ही बड़ा पद प्रतिष्ठा का मैडल, मंत्री-मंडल में ऊंचा ओहदा प्राप्त कर रहे हैं ! अभी मंत्री मंडल का विस्तार किया गया, जिन लोगों के रिकार्ड्स बताते हैं की वे सरकारी खजाने में सेंध लगाने में सिद्ध हस्त थे, उन्हें प्रार्थमिकता दी गयी, जिन मंत्रियों ने गमन के रिकार्डस तो तोड़े ही, साथ में अपने बचाव के साथ साथ पार्टी दामाद जी का भी बचाव किया बिना किसी लाग लपेट के उन्हें प्रधानमन्त्री जी ने दामाद जी के साले के साथ मिल कर उनकी मंत्री की ताज पोशी तो की ही साथ में पार्टी में भी उनका कद और ऊंचा कर दिया ! जिन मंत्रियों ने दामाद जी की दो साल में पचास लाख का पांच सौ करोड़ बटोरने में प्रश्न चिन्ह लगा दिया, यह कहा कर यह ज़रा ज्यादा ही होगया और आने वाले समय में हाजमा प्रभावित हो सकता है, आगे की भूख प्यास मर सकती है, डाक्टर का खर्चा बढ़ सकता है, शैल्या चिकित्सा की नौबत आ सकती है, लीवर, किडनी, पेन्क्रीज में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है, उन्हें मंत्री परिषद् से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया ! भय्या किसी को अच्छी राय देना भी अपने गले में सांप डालने के ही बराबर है !
हाँ तो पाठको, इस साल की रामलीला में ताड़का मारी गयी तो ताड़का भक्तों ने ऐतराज उठाया, सुरपन खान की नाक कटी तो राज नेता और राज नेत्रियों ने इस पर भी अपना रोष जताया ! कुबड़ी मंथरा के मुंह में कुछ नए डायलोग एस बार कुछ रामलीलाओं में जबरदस्ती ठोस दिए गए जिस पर शारारती तत्वों ने खूब तालियाँ बजाई ! शत्रुघ्न ने कुबड़ी
मंथरा की कूबड़ तोड़ डाली और वह सीधे खड़ी हो गयी, तो नारी अधिकार आयोग वालों ने नारी के प्रति किया गया इसे अफ़राध बतलाया ! इस साल रावण कुंभकरण मेघनाथ के अलावा एक और भ्रष्टाचार का पुतला भी बनाया गया था, उसके अन्दर के पटाकों में देश के जाने माने भ्रष्टाचारियों की फोटो डाली गयी थी ! जब यह भ्रष्टाचार का पुतला भड़ाम भड़ाम करके जल रहा था तो प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है की भ्रष्ट लोगों के अन्दर भी भड भडाहट के पटाके फूट रहे थे और उनके चेहरों पर गहरी वेदना की पीड़ा स्पष्ट झलक रही थी ! संत ज्ञानियों का कहना है की देखो, जब केवल भ्रष्ट लोगों के पुतले जलने से ही घोटालेवाजों को इतनी पीड़ा पहुंचती है तो जब यमराज के डंडे उनके कुकर्मों पर बरसेंगे तो उन्हें बचाने न कोई पार्टी का सहयोगी आएगा न परिवार का ही कोई भाई, भतीजा, पुत्र, पुत्री, जीजा साला वहां जा पाएगा !उसके निष्क्रिय कर्मों से कमाया हुआ धन भी उसे गर्म गर्म खौलती हुई तेल की कडाही से बचा पाएगा !
ये मृत्यु लोक है जो नरक और स्वर्ग के बीच में स्थित है ! यहाँ मनुष्य और तमाम किस्म के जीव, पशु पक्षी अपने पिछले कर्मों का फल भोगने आते हैं ! सात्वकी संत महात्मा, परोपकारी मनुष्य इस योनी में कमाया हुआ सत्कर्म के विमान पर बैठ कर स्वर्ग चला जाता है ! इसके विपरीत अत्याचारी, व्यभिचारी, हत्यारा, चोर, लुटेरा, सरकारी धन का चोर नरक कुण्ड में स्थान पाता है ! यही हमें रामलीला में दशहरे के दिन असत्य पर सत्य की जीत, पाप पर पुण्य की जीत का अहसास कराता है ! जो जीवन के इस रहस्य को समझ जाता है वह भाव सागर से पार उतर जाता है ! भगवान् राम चन्द्र जी की जय !! हरेंद्रसिंह रावत
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