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ये बलात्कारी भेडिये क्या समाज में रहने लायक हैं ? एक सड़ी मच्छली पूरे तालाब की स्वछता को गन्दगी में बदल देती है, ठीक उसी तरह समाज में बलात्कारी, दुश्कर्म्री, व्यभिचारी, दुराचारी समाज की स्वच्छता में अपने दुष्कर्मों की दुर्गन्ध फैला देते हैं और देश की लहलहाती अमृत रूपी शांति की सुगंध भरी हल्की हल्की ठंडक पहुंचाने वाली हवाएं जो कल तक विश्व को अहिंसा का मार्ग दर्शन कराती थी, इन नर रुपी भेड़ियों की वजह से दुर्गन्ध से भरने लगी है ! इन हैवान, शैतानों की वजह से देश की प्रतिष्ठा पर आंच आने वाली है, कल का भारत विश्व का गुरु, आज अपनी पहचान खोने जा रहा है ! कुछ सालों पहले एक भूत पूर्व पुलिस अधिकारी के बेटे ने एक विदेशी (जर्मन) महिला की इज्जत उतारी थी और अपनी पहिचान छुपाकर एक निजी बैंक का अधिकारी बनकर सुरक्षा कर्मियों को धोका देता रहा, लेकिन पापी का पाप ज्यादा दिन छुपा नहीं रह सकता, उसके सांशों की गन्दगी ही उसका पता बता देती है, वही इस कुकर्मी के साथ भी हुआ और वह आखिरकार पुलिस के जाल में फंस ही गया ! या तो फांसी पर चढ़ेगा, जिंदगी भर अपने माँ बाप को रुलाएगा, या फिर जिंदगी भर जेल की काली कोठी में सड़ेगा ! मध्य प्रदेश में ग्वालियर से लग भग ६५ किलो मीटर दूर एक कसबे के नजदीक एक स्वीटजर लैंड की विश्व भ्रमण पर निकली ३९ साल की एक महिला के साथ गेंग रेप का मामला प्रकाश में आया है ! इस महिला ने पहले भी साइकिल द्वारा अपने एक साथी के साथ विश्व भ्रमण किया होगा, लेकिन ऐसे जाहिल, असभ्य, दरिंदों से कभी किसी देश में उसका सामना नहीं हुआ होगा ! कामी दरिंदों ने पीडिता और उसके साथी को करीब करीब अधमरा करके जंगल में बीच रास्ते में फेंक दिया था (देश की सभ्यता पर एक प्रश्न चिन्ह लगा दिया) ! उनकी किस्मत अच्छी थी कोई राहगीर मोटरिस्ट उधर से आ रहा था उसने ही उन्हें अस्पताल पहुंचाया ! क्या समाज के इन दुर्गन्ध फैलाने वाले कीड़ों को जीने का अधिकार है ? विदेशी महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उनकी अम्बेसीज आगे आ रही हैं, सरकार पर दबाव डाल रही हैं, उनको न्याय भी मिलेगा, पुलिस और सरकार द्वारा अपनी जनता की अन देखी हो सकती है लेकिन विदेशी महिलाओं के अफराधियों को पकड़ कर जेल खाने में डलवाना पडेगा और उन्हें शक्त से शक्त सजा भी दिलानी पड़ेगी ! देश की नाक का सवाल है ! लेकिन १६ दिसंबर की दिवगंत निर्भय की आत्मा ३ महीने बाद भी न्याय पाने के लिए भटक रही है, उसकी आत्मा के खौफ से ही दुष्कर्मियों के सरगना रामसिंह ने न्यायालय की फांसी के तख्ते का इतजार नहीं किया और स्वयं ही फांसी पर लटक गया ! अगर फैसला आने में देर पे देर होती गयी तो शायद बचे पांच में से अंतिम फैसला आने तक कोई भी दुष्कर्मी बचा नहीं रह पाएगा, सारे शर्म के बोझ तले सिसकते सिसकते दम तोड़ देंगे और तब फैसला आएगा !
दिल्ली में बलात्कारी दरिंदों के हौसले तो देखो, कल दिन के उजाले में ही एक बस ड्राईवर और कंडक्टर ने एक अवला की इज्ज़त उतार दी, क्या दिल्ली महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकती जबकि दिल्ली के तख़्त पर स्वयम एक दबंग महिला पिछले १० सालों से अधिकार जमाए बैठी है ! फिर भी सब कुछ ठीक वैसे ही चल रहा है जैसे पिछले दश सालों से चल रहा है, केंद्र सरकार में गद्दी से चिपके बुजुर्ग मंत्री महिलाओं की सुरक्षा के लिए संसद में बजट सत्र में एक अजीब सा बिल ला रहे है जिसमें लड़का लड़की अपनी मर्जी से १६ साल की उम्र में ही अवैध सम्बन्ध बना सकेंगे, ताकि आयन्दा से देश की महिलाएं सुरक्षित रह सकें ! क्या आइडिया है हमारे राज नेताओं का, ‘बिल पास होगया तो वाह वाह, नहीं हुआ तो विपक्ष के गले बदनामी का फंदा डाल दिया जाएगा की विपक्ष नहीं चाहती की देश की महिलाएं सुरक्षित रह सकें’ !!! दिमाग की बती जला दी, आने वाले चुनाओं के लिए मतदाताओं को सब्ज बाजार दिखाने के लिए बूढों ने क्या नयी चाल चली है, तभी कहते हैं की बूढ़े आदमी और पुराने चावल जितना पकाओ बढ़ते जाते हैं ! हमारा भारत महान, जय हिन्द !!
हरेंद्रसिंह रावत
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