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पानी बिजली और केजरीवाल

jagate raho
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केजरीवाल आम आदमी की पार्टी के अध्यक्ष श्री केजरीवाल दिल्ली के गरीब तबके के लोगों के बिजली पानी के बढ़ते हुए बिलों को कम करने के लिए अनशन पर बैठे हैं ! आज उनके अनशन का ग्यारवाँ दिन है ! उनका स्वास्थ्य बहुत गिर चुका है ! अन्ना हजारे और श्री श्री १००८ रविशंकर जी भी उनके अनशन को तोड़ने के लिए आये थे लेकिन उन्होंने हट बाँध ली है की जब तक दिल्ली सरकार इन बढे हुए बिलों को कम नहीं करती तब तक वे अनशन नहीं तोड़ेंगे ! एक मजे की बात की जिन गरीब लाखों लोगों के लिए वे अनशन कर रहे हैं और अपनी जिंदगी को ही दाव पर लगा रहे हैं वे न इस आन्दोलन को समर्थन देने के लिए आगे आ रहे हैं न उन्हें केजरीवाल के स्वास्थ्य की चिंता है ! कुछ राज नेताओं का कहना है की “केजरीवाल का ये अनशन एक छलावा है ” ! कुछ का कहना है की वे एक नाटक वाज हैं ! कुछ तो यहाँ तक भी कहने लगे हैं की ‘केजरीवाल राजनीति की चौखट तक पहुँचने के लिए रास्ता बना रहे हैं ‘ ! हमें नहीं पता की वे राजनीति में आने के लिए ऐसा कर रहे हैं या सच्चे गरीबों का हमदर्द बन कर उनके लिए रोजी ,रोटी और सर ढकने के लिए एक छपर डलवाने की योजना बना रहे हैं ! लेकिन वे जो भी कर रहे हैं किसी राजनेता और सता के लोलुप पार्टी नेताओं की तरह घोटाला, रिश्वत खोरी, जमाखोरी, तश्करी, सरकारी खजाने में हेरा फेरी, रक्षा संबंधी उपकरणों की खरीद दारी में बहुत बड़ी रकम कमीशन के तौर पर जिम्मेदार शासक, प्रशासक की तरह तो नहीं कर रहे हैं ! वे एक ईमान दार जन सेवक हैं, लोभ, मोह से दूर, गरीबों के शुभ चिन्तक ! आज वे अपने जीवन के अमूल्य क्षणों को गरीब जनता की सेवा में समर्पित कर रहे हैं ! ये भारत है, हमें अपनी सभ्यता, संस्कृति और परम्पराओं पर नाज है ! लेकिन ये सभ्यता, संस्कृति, परम्पराएं केवल आम आदमी तक सीमित हैं ! जैसे इस देश का नेता, राजनेता, नौकरशाह ख़ास होता है वह इन सबसे उंचा उठ जाता है ! स्वतंत्रता का असली मजा वही लेता है ! उसके लिए सब समान है ! वोट माँगने के लिए झोली फैला देता है, सरकारी खजाने से लूट मचा देता है, इसे वह अपना अधिकार समझ लेता है ! कर्तव्यों का बोझ आम आदमी के सिर पर रख लेता है ! आज उसी कर्तव्यों का बोझ उठाए हुए हैं केजरीवाल और आप कहते हैं की उनका ये अनशन, एक छलावा है ! कैसा भद्दा मजाक है ये ! छलावा वो नहीं है की भ्रष्टाचार का लेबल लगने के बाद भी नेता अपनी मंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ रहा है ! जनता की खून पशीने पर पलने वाले और परिवार को पालने वाले राज नेता चलावा नहीं कर रहे हैं ! करोड़ों रुपये बेनामी करके स्वीस, इंग्लैण्ड और जर्मन बैंकों में रखा हुया है वह छलावा नहीं ! इस संसार में अरबों लोग आते हैं और चले जाते हैं, कुछ आते हैं, जानवरों की तरह जीते हैं और मर खप जाते हैं, पड़ोसी को भी पता नहीं लगता ये कब आया और कब चला गया ! कुछ अहंकारी जनता की कमाई पर मौज उड़ाते हैं, राजनेता का मुखौटा पहिनकर जन सेवक का नाटक करके, भ्रष्टाचार और लूटपाट मचाकर अपना और अपने परिवार का पेट भर कर
जहनूम की यात्रा पर निकल जाते हैं, अपने कुकर्मों की गन्दगी को पीछे छोड़ कर ! कुछ ही लोग होते हैं विवेकानंद जी, महात्मा गांधी, गुरु नानक जी, रैदास, कबीर, मीरा जैसे महान जो अपनी अमृत वाणी की बर्षा करते हुए जीवन दायिनी खुशबू पीछे छोड़ कर ब्रह्म में लींन हो जाते हैं ! राजनीति में भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोष, भगतसिंह, चन्द्र शेखर आजाद जिन्होंने भारत माता के बंधन को तोड़ने के लिए अपना बलिदान कर दिया ! उन्होंने अपना सब कुछ निछावर कर दिया देश की आने वाली पीढ़ी को संवारने सुधारने के लिए ! अब सवाल आता है की आज के सताधीश , राजनेता क्या देश का हित कर रहे हैं ? क्या उन महान देश भक्तों की कुर्वानी सार्थक हुई है ? मेरी नजर में इसी उद्देश्य को सार्थक बनाने के लिए केजरीवाल अनशन पर बैठे हुए हैं ! जहां न स्वार्थ है, न महत्वाकांक्षा है, न बड़ा बनने की कामना है, केवल गरीबों पर पड़ने वाला अतिरिक्त आर्थिक बोझ को कम करने की इच्छा है ! बाकी जो जैसा चाहे समझ ले !!!
हरेंद्रसिंह रावत

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