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भारत से गरीबी और भूख मरी बड़ी तेजी से खत्म हो रही है !

jagate raho
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हमारा भारत महान है, यहाँ के राज नेता नेता, नौकरशाह भारत से भी महान हैं ! कांग्रेस पार्टी इससे भी बहुत महान है ! जब १५ अगस्त १९४७ ई० को भारत आजाद हुआ था तो उस समय देश में कुछ नहीं था बड़े बड़े घरानों, रजवाणों के राज परिवार वाले, उद्योग पति और बड़े बड़े किसान जो सम्पन थे और खुशहाल थे ! स्वतंत्रता की प्राप्ती में इन लोगों का कोई सक्रीय योगदान नहीं था ! वे अंग्रेजों के शासनकाल में मौज मस्ती मनाते थे, अपनी जनता से लगान के रूप में, कर के रूप में, किसानों की कमाई से उगाई फसल का बड़ा हिस्सा खजाने में जमा करा कर के स्वयं भी ऐसो आराम की जिन्दगी बिताते थे और अपने आका अंग्रेजों को भी खूब खिलाते थे ! आजादी के बाद सारे रजवाड़े समाप्त हो गए लेकिन भारतीय सरकार ने, भूतपूर्व राजा महाराजाओं को प्रिवी पर्श नाम से आर्थिक पॅकेज तो दिया ही साथ ही उनका रुतवा, राजा, महाराजा, सदरे रियासत, राज कुमार राज कुमारी का टैग उनके सीने पर रहने दिया ! बड़ी बड़ी रियासतों के महाराजाओं को सरकार ने सेना अधिकारी ‘आनरेरी मेजर जनरल’ की रैंक से भी सम्मानित किया ! और आज आलम यह है की सता के शिखर पर ज्यादा से ज्यादा राज परिवारों के साहेबजादे ही बैठे हुए हैं, कल भी शासक थे आज भी शासक हैं ! फिर उन्हें गरीबों के दर्द का अहसास कैसे होगा ? जिन्होंने गरीबी कभी देखी ही नहीं, उनके कानों में कभी गरीब के बच्चे की भूख से तड़पने की आवाज गयी ही नहीं, उन असहाय गरीब मां बाप के आँखों से निकले आंसुवों के पीछे छिपे दर्द को कभी पहिचाना ही नहीं ! जो किसान, आम आदमी कल तक गरीबों के बीच रह रहे थे, गरीब के आंसूओं के हम सफ़र थे, आज विधायक या सांसद बन कर मंत्री संतरी बन गए और गरीबी को भूल गए ! सत्ता शिखर की कुर्सी पर बैठ कर आलीशान सजा सजाया बंगले शान शौकत की जिन्दगी, करोड़ों रुपये पानी की तरह उनके नज़रों के आगे गंगा यमुना का शुद्ध जल बन कर बह रहा है और वे अंजुली भर भर कर अपनी तिजोरी भरने में भूल रहे हैं जनता को दिए गए वादे, चुनावों में जनता को दिखाए हुए रंगीन स्वप्ने ! कल के सड़क छाप नागे पाँव धुल फांकने वाले नेता, नेताओं का झोला उठाने वाले पांच साल के अन्दर अन्दर करोड़ पति बन रहे हैं और अपनी गरीब विरादरी से दूर जा रहे हैं ! सोने चांदी की चमक दमक और सता के सुख ने भुला दिया है गरीब भाई बहीन को, नाते रिश्ते दारों को ! आज मीडिया वाले गरीबों की बस्ती में जाकर, नगे भूखे बच्चों की कृष काया, कंकाल बने जीते जागते उनके मां बाप की तस्वीरें टी वी की खबरों के साथ जनता को दिखा रहे हैं लेकिन कल के ये आम आदमी आज के नेता देश के कर्ण धार इस सत्य को सिरे से नकार रहे हैं ! ये तो वही नेता हैं जिन्होंने भूख की ज्वाला से साक्षात कार किया है, नंगे बदन ठंडी शीत लहरों को झेला है, जिनके माँ बाप जेठ के महीने की कड़कती धूप में सडकों के किनारे पत्थर तोड़ते थे और वे नादान नाजुक शीशु सड़क के किनारे एक गंदी सी बोरी में लिपटे तपती धूप में भूख प्यास से चिल्लाते रहते थे और उसके माँ बाप ठेकेदार के मुन्सी के डर से भूखे प्यासे बच्चे को पानी भी नहीं पिला पाते थे ! आज वही गरीब की औलाद देश की असली गरीबी को नकार रहे हैं, सच को झूठ का पुलंदा बता रहे हैं ! खुद आज स्कीम बना रहे हैं, भारत को सोने की चिड़िया बनाने का दू:स्वप्न जनता को दिखा रहे हैं ! योजना बना रहे हैं, मीडिया से जबरदस्ती धन बल की चका चौंध में समाचार पत्रों की सुर्ख़ियों में यह खबर मोटे मोटे अक्षरों में छपवा रहे हैं की “देश में गरीबी बड़ी तेजी से दम तोड़ रही है ! आज गरीबी रेखा से नीचे बहुत कम गरीब रह गए हैं जो जल्दी ही रेखा से ऊपर आ जाएंगे” ! जो मंत्री, शासक प्रशासक आंकड़े तैयार करते हैं वे कभी गरीबों की बस्ती में गए ही नहीं ! इयर कंडीशन सभी सुविधावों से लैश दफ्तरों में बैठ कर कम्प्यूटरों में आंकड़े मन मर्जी से भरे जाते हैं, गरीबों को मिलने वाली रकम इन भारी भरकम वजन धारी सफ़ेद पोश, जनता के प्रतिनिधियों के
बाहर निकलती हुई तोंद में समा जाती है, और बची खुची खुरचन उन गरीब अभागों की पतलों में परोसी जाती है ! देश महान है, देश पर शासन करने वाली पार्टी महान है, इसके अध्यक्ष उपाध्यक्ष पीढी दर पीढी देश की बाग़ डोर संभाले हुए गले में प्रजातांत्रिक गणराज्य, धर्म निरपेक्ष, अल्प संख्यक मसीहा की तख्ती डाले देश की सेवा में अविरल गति से लगे हुए हैं गरीबी मिटा रहे हैं या गरीबों को मिटा रहे हैं, सच्चाई जानने के लिए जांच बिठाई गयी है जल्दी ही दूध का दूध पानी का पानी जनता को बता दिया जाएगा ! हरेंद्रसिंह रावत

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