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जनाव वाली ये गेट वो गेट नहीं जिसकी हम अमूमन चर्चा करते रहते हैं, ये गेट कोयला मंत्री और रेलवे मंत्री के विशेष गेट हैं ! इनसे केवल उनके खासम ख़ास चमचे या परिवार के इने गिने चुने लोग ही प्रवेश पा सकते हैं, आम आदमी के लिए तो आम दरवाजे हैं ! हाँ तो अबके कोयला मंत्रालय के इस विशेष गेट से सीबीआई टीम अन्दर प्रवेश कर गयी, यहीं उनसे बड़ी भूल हो गयी ! वहां मिले क़ानून मंत्री, प्रधान मंत्री के सचीव और निजी सचीव ! उन सारों ने आव देखा न ताव और छीन ली कोयला घोटाला पर सीबीआई द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट ! पैरा के पैरा बदली किये गए ! सीबीआई वालों को समझा दिया गया था की “हम आपस में बैठ कर जो कुछ अच्छा बुरा कर रहे हैं यह खबर किसी विपक्ष के कानों तक नहीं पहुंचानी चाहिए” ! लेकिन ये क्या ? सीबीआई के प्रमुख के पेट में गुड बुड होने लगी, हिचकियाँ आने लगी, वे बार बार बाथ रूम जाने लगे ! सहयोगियों ने पूछा तो मर्ज समझ आगई ! आनन् फानन में ये सीबीआई टीम सुप्रीम कोर्ट पहुँची और दे दिया लिखित में की “कोयला घोटाले की जांच रिपोर्ट को कोयला, और क़ानून मंत्री के अलावा पी एम ओ के अधिकारियों ने भी देखी है और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया के तौर पर इसमें सुविधानुसार सुधार भी कर दिया है” ! बात मीडिया तक पहुँच गयी, समाचार पत्रों में खुलासा होते ही विपक्ष को सरकार को घेरने का एक और मसाला मिल गया ! यूपीए सरकार की किरकरी होने लगी ! यह समाचार प्रचंड अग्नि की लपटों की तरह जनता के खेत खलियानों से होते हुए चबूतरे चौबारों तक पहुँच गयी ! सरकार को कोयला घोटाला पर अपने किये गए कारनामों की चिंता नहीं है चिंता है तो सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक का गिरता हुआ स्तर ! टांग पहले ही टूटी हुई थी, दूसरों की टांगों से सरकार चल रही थी, उस पर भी सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट ने कुछ जोर से ही ट्वीस्ट कर दिया और लटकती हुई टांग को एक हल्का सा झटका और दे दिया ! तुलसी दास ने रामायण में एक जगह लिखा था “धीरज धर्म मित्र और नारी, आपात काल परखेउ ये चारी ” ! मौके का फायदा उठाते हुए एसपी और बीएसपी भी अपनी टांगे खींचने लग गयी हैं ! उन्हें लगने लगा है की जो सरकार खुद अपना बचाव नहीं कर पा रही है वह हमारे कुकर्मों से कैसे निजाद दिला पाएगी !
रेल गेट – अभी कोयला गेट की चिंगारियां सुलग ही रही थी की रेलवे गेट का दरवाजा भी खुल गया और उससे निकला भ्रष्टाचार का एक और नमूना रिश्खोरी के रूप में ! रेलवे मिनिस्टर के भतीजे साहेब जादे ने रेलवे से जुड़े एक सजन को रेलवे बोर्ड में ऊंची पोस्ट पर बिठाने के एवज में दस करोड़ की मांग की ! मजे की बात की उसने तुरंत नब्बे लाख पेशगी के तौर पर दे भी दिए ! लेकिन ये क्या होगया, काली बिल्ली ने रास्ता काट दिया, राहू केतु ने अपना हिस्सा न मिलने से रास्ता रोक लिया ! अभी बस्ती बसी भी नहीं थी की मंगते पहले आ धमके ! अभी अब्बे लाख ही तो मिले थे फिर उसमें हिस्सेदार बहुत सारे हो गए, जिसको नहीं मिला उसने चुगली कर दी, नतीजा सारी जनता के सामने खुली किताब है ! कांग्रेस दिग्गजों ने अपना पूरा जोर लगा दिया है रेलवे मिनिस्टर को बचाने की ! कुछ वरिष्ट नेता तो गहन चिंतन के हवन कुंड में साधना की दुबकी लगाने लगे हैं ! कुछ पिछले दरवाजे से प्रवेश पाने वाले नेता तो यहाँ तक भी कहने लगे हैं की ‘जब से कांग्रेस के युवराज को नंबर दो की गद्दी पर बिठाया उसी दिन से शनि महाराज ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है’ ! मंत्री इन वेटिंग वाले नेता हर शनिश्चर को शनि मंदिर के चक्कर लगाते हुए और राहू केतु को मनाते हुए देखे गए हैं ! वैसे पहली बार सारे कांग्रेसियों को एक जुट होकर किसी भ्रष्ट मंत्री को बचाते हुए देखा गया, इससे साबित हो गया की कहीं न कहीं कांग्रेस में प्रजातंत्र के प्रति गहरी आस्था है, धर्म निरपेक्ष का झंडा उठाने के लिए एकता है, चाहे प्रधान मंत्री को जेपीसी के सामने पेश होने से बचाने में, चाहे सलमान खुर्शीद द्वारा विकलांगों को सरकार द्वारा दिया गया अनुदान में हेर फेर करने का हो, उसे इस चक्रव्यूह से बाहर निकालने में ! यहाँ तक कलमाडी के अरबों रुपये के घोटाले में भी कही रसूक वाले नेता उसके बचाव में आगे आये थे ! यह दिखाता है की कांग्रेस संगठन बाहर से ही नहीं भीतर से भी संगठित है ! लेकिन जनता ! जनता सब जानती है, कर्तव्य करती है तो अधिकारों के बारे में भी सजग है ! २०१४ बैंड बाजे के साथ जल्दी ही दरवाजे पर आने वाला है जो देश की पार्टियों की जन्म पत्री साथ लाएगा ! देश के कर्णधारों, नेताओं, मंत्रियो अभी भी समय है, जाग जाओ, दिखा दो गंदे, अफाराधी, भ्रष्ट, रिश्वतखोरों को बाहर का रास्ता ! सोने की चिड़िया के पंख मत काटो ! देश की समृधि को वाधित मत करो ! यह देवों की भूमि है यहाँ राक्षस मत बसाओ ! हरेंद्रसिंह रावत
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