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जब उल्लू को गुस्सा आया !

jagate raho
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भारतीय संस्कृति में उल्लू का स्थान जैसा आम आदमी समझता है वैसा नहीं है ! हमारे ग्रंथों में तीन देवताओं को परमेश्वर की पदवी से विभूषित किया गया है, ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वरा ! ब्रह्मा रचनाकार, विष्णु पालन हार और महेश सँघार कर्ता (जग करता जग हर्ता जग पालन कर्ता ) ! इसी तरह उनके वाहन भी हैं ! हमारी तरह उन्हें भी तो सफ़र करना पड़ता है ! हम साईकिल से लेकर मोटर साईकिल, कार, बस, पानी का जहाज, हवाई जहाज तक इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनके पास अपने निजी वाहन हैं, ब्रह्मा जी की सवारी हंस (सरस्वती जी भी हंस की ही सवारी पसंद करती हैं ), विष्णु जी की सवारी पक्षी राज गरुड़ जी हैं तो शंकर जी अपनी नंदी नामक बैल की सवारी में ही मस्त हैं ! इन वाहनों को न कोइ चोरी कर सकता है न इन्हें पार्किंग ही जरूरत पड़ती है ! अगर तीन प्रमुख परमेश्वर हैं तो तीन दवियाँ भी उनकी शक्ती हैं, ब्रह्माणी (सरस्वती जी – विद्या धन की देवी)), लक्ष्मी जी (धन की देवी), पार्वती जी (दुर्गा, अम्बे, भवानी – शक्ती की देवी) ! इनके भी अपने वाहन हैं, सरस्वती जी हंस की सवारी करती हैं, लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू है, तो पार्वती जी दुर्गा भवानी बनकर शेर की सवारी करती हैं ! हम इंसान हैं और इंसान को जिन्दगी को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए जहां विद्या धन अर्जित करना पड़ता है तो शक्ती की भी अति आवश्यकता होती है, और इन दोनों की अहमियत और भी बढ़ जाती है जब हमारे पास धन सम्पति भी ज्यादा से ज्यादा हो ! धन सम्पति आएगी जब लक्ष्मी का पूजन सच्चे मन से किया जाएगा ! अगर लक्ष्मी जी आपके निवास स्थान पर आएंगी तो अपने वाहन उल्लू के ऊपर बैठ कर ही आएंगी ! तो जनाब उल्लू जहां धार्मिक है तो वहीं सामाजिक भी है ! वह रात को जागता है क्योंकि उसे रात को दिखाई देता है दिन की चका चौंध में उसकी आँखें बंद हो जाती हैं ! कभी कभी वीरान पड़े बगीचों के सूखे पेड़ों पर ये लक्ष्मी जी के वाहन नजर आ जाते हैं ! जहां इनका वास होता है वह वन, वाटिका, गुलशन, वीरान हो जाता है, ऐसा विद्वान कहते हैं फिर भी उसे लक्ष्मी जी का वाहन की पदवी से विभूषित किया गया है ! पूजा गृहों में जहां लक्ष्मी जी को कमल के फूल में बिठाया जाता है तो कुछ दूरी पर उंघते हुए उल्लू को भी जरूर दिखाया जाता है ! एक शायर ने तो उल्लू के कारनामों से प्रेरित होकर ये पंक्तियाँ उजागर कर दी, “बाग़ उजाड़ने के लिए तो एक ही उल्लू काफी है जहां साख साख पर उल्लू हो हरशते गुलशन क्या होगा ? ” हाँ तो हम बात कर रहे थे की उल्लू को आखिर गुस्सा क्यों आया ! वाहन हमेशा अपने स्वामी की इच्छाओं की कदर करते हुए जहां स्वामी जाना चाहता है वहां खुशी खुशी उन्हें कंधे बिठा कर जाता है ! शंकर जी के बड़े पुत्र कार्तिकेय का वाहन मोर, हमेशा तैयार रहता है वैसे ही श्री गणेश जी का वाहन मूषक हमेशा गणेश जी के भारी शरीर को खींचने में आनाकानी नहीं करता, फिर लक्ष्मी जी के वाहन आज क्यों गुस्सा कर रहे हैं ! बात ये है की देश में तो प्रजातंत्र है , तमाम सांसद, विधायक जनता द्वारा चुन कर लोकसभा और विधान सभाओं में आते हैं ! मंत्री बनकर देश का शासन चलाते हैं ! लेकिन इन मंत्रियों ने कुछ दिनों से जनता की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ़ करना शुरू कर दिया है ! एक मुख्य मंत्री ने गरीबों की दवाओं के साथ मवेशी चारा ही खा लिया करोड़ों का, पेट खराब हुआ आपरेशन हुआ करोड़ों डाक्टर दवा दारू में लग गया और मंत्री जी कंगाल हो गए ! एक ऊंची नाक वाले मंत्री ने विकलांगों को मिलने वाली पूरी रकम ही डकार ली, गरीबों के बहते हुए आंसूओं के दर्द ने उनका हार्ट ही फेल कर दिया, बच तो गए लेकिन पूरी ऊपर की कमाई डाक्टरों, अस्पतालों, दवा दारू की भेंट चढ़ गई ! किसी ने कोयला की खानों में दुबकी लगाई किसी ने रेल की पटरियों में बैठकर करोड़ों का वारा न्यारा किया, किसी ने कारगिल शहीदों की विधवाओं के लिए बनने वाले फ्लेटों में ही तिकड़म लगाकर अरबों रुपयों का चुना सरकार पर लगा दिया, लेकिन चोरी की पोटली बीच चौराहे में फूट गयी, इतनी बेइज्जती हुई की ब्रेन डैमेज होते होते बचा, इनका भी बद से बदतर हाल हो गया ! अब तो बिल का चूहा भी अपनी मुच्छें फटकार करके उन्हें चिढा रहा है ! अपने परिवार के लडके बहुवें भी उनसे बात करने से कतरा रहे हैं ! पास पड़ोसी, रिश्तेदार सब बेगाने हो गए हैं ! ऐसे ही बहुत से सीबीआई के नेट में फंसे हुए नेता इनके साथ मिलकर लक्ष्मी जी की एक बहुत बड़ी पूजा करने जा रहे हैं ! बैंकों से कर्ज लेकर, पार्टी के खजाने से लोन लेकर, जनता से खैरात मांग कर इस बड़ी पूजा का आयोजन किया जा रहा है ! अपने किये पाप धोने के लिए, धन की देवी श्री लक्ष्मी जी को मनाने के लिए, उन्हें प्रशन्न करने के लिए इस पूजा का आयोजन किया जा रहा है बड़ी धूम धाम से ! कयास लगाए जा रहे हैं की केन्द्रीय सरकार से जुड़े बड़े बड़े दिग्गज, नेता, नौकरशाह, प्रमुख उद्योगपति, व्यापारी, इस पूजा में सामिल होने के लिए आ रहे हैं ! बड़े बड़े प्रकांड पंडित पूजा स्थल पर हाजिर हो चुके हैं और वेद मन्त्रों से श्री लक्ष्मी जी का आह्वान किया जा रहा है ! उधर श्री लक्ष्मी जी क्षीर सागर में विष्णु भगवान जी की सेवा में लगी हैं ! मन्त्रों का शुद्ध उच्चारण लक्ष्मी जी के साथ साथ विष्णु भगवान जी के कानों में पड़ने लगे ! अपने दिव्य दृष्टि से देखा की भारत देश महान के तमाम भ्रष्टाचारी नेता मंत्री, नौकरशाह, पुलिस कर्मी, अपनी बिगड़ी साख बचाने के लिए, पाप कर्मों के अथाह गन्दगी के दुर्गन्ध भरे नालोंसे बाहर निकलने के लिए सारे मिल कर श्री लक्ष्मी जी की बहुत बड़ी पूजा कर रहे हैं ! प्रकांड विद्वान पंडित पूजा का महा शंक बजा रहे हैं ! विष्णु जी ने लक्ष्मी जी को जाने की इजाजत देदी, लेकिन लक्ष्मी वाहन उल्लू जाने के लिए तैयार नहीं हुआ ! वह आज बड़े गुस्से में था, पूजा करवाने वाले उन महान दुष्कर्मियों पर ही नहीं बल्की श्री लक्ष्मी जी पर भी की वे क्यों इन भ्रष्टाचारियों रिश्वखोर दुराचारियों की पूजा में सामिल होकर उन्हें जनता का धन और लूटने के लिए वरदान देने जा रही हैं ! भोगने दो उन्हें अपने पाप कर्मों का फल ! भारत देश देव भूमि है ये कपटी शैतान उसे दोषित किये जा रहे हैं और लक्ष्मी जी हैं की उनकी पूजा मात्र से पिघलने लगी हैं ! उल्लू महाराज ने फरमाया, ” आप जाना चाहती हैं तो जाओ मैं तो ऐसे पापियों के अशुभ पूजा स्थल पर नहीं जाउंगा, भारत माँ को कलंकित करने वाले दुष्टों की पूजा में मैं सामिल होकर नीचे नहीं गिरना चाहता हूँ, अभी उल्लू हूँ उल्लू ही रहने दो बेईमान, देश द्रोही, कपटी, धोकेवाजो को तो नहीं देख पा रहा हूँ, इसीलिये मुझे आज आप पर भी गुस्सा आ रहा है ! इस पूजा में न आप जाएँगी न मैं जा रहा हूं ” !
हरेंद्रसिंह रावत

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