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क्या भारत में यह चमत्कार होने वाला है ?

jagate raho
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आज की इस भाग दौड़ में आम आदमी तो हंसना ही भूल गया है ! देखो न लखनऊ में मुख्य मंत्री और उनके सभासद गुलछर्रे उड़ा रहे हैं, कल्बों होटलों में जश्न मनाए जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने एक ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी को जो उनकी वोट बैंक पर राहू केतु की कुदृष्टि लगा रही थी निकाल बाहर कर दिया और किसी ने चूं चां भी नहीं की ! इस तरह देश के नंबर वन अल्पसंख्यक वर्ग की सारी वोटें बटोर कर उन्होंने २०१४ संसद के चुनाओं में जीत हासिल कर प्रधान मंत्री की कुर्सी पर दावा ठोकने की पूरी तैय्यारी कर ली है ! इनके प्रमुखों का कहना है की केंद्र तो स्वयं लंगडा है, आँख नहीं दिखा सकता, क्योंकि उसकी एक टांग तो हमारे कब्जे में है, अगर उसने गलती से भी सीबीई की धौंस दिखाई तो हम उस टांग को खींच देंगे और ये गिरेंगे मुंह के बल धडाम से ! अगर सब हमारे कार्य कर्म के मुताबिक़ होता गया जैसा की हो रहा है तो भय्या कमाल हो जाएगा, देश की राजनीति में एक नया रिकार्ड बन जाएगा ! पिता श्री भारत के प्रधान मंत्री की कुर्सी पर बिराजेंगे और बिटुवा देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्य मंत्री हैं ही ! देखा कितना मजा आएगा जब होंगी पाँचों उंगलियाँ घी में और सिर होगा कडाई में ! पाठको को शायद याद होगा श्रीलंका में भी एक बार ऐसा चमत्कार हुआ था, जहां लड़की देश की राष्ट्रपति थी और माँ देश की प्रधान मंत्री की कुर्सी पर आसीन थी (भण्डार नायके परिवार)) ! परिवार फलता फूलता रहे बाकी सभासदों को सता के कुछ टुकडे फेंक देंगे ! रहे कार्य कर्ता उन्हें गुंडा गर्दी की पूरी छूट दे रखी है, जनता में किसी ने सता के खिलाफ ज़रा आवाज उठाई नहीं की फिर देखो क्या होगा ? मीडिया तो सदा से सता पक्ष की जेब में रहां है रहेगा, उसे सरकार की तरफ से बड़े बड़े ऐड मिलते हैं और करोंडो सरकार के खजाने से इनकी जेबों में जाता है तो फिर – जब सैंया कोतवाल तो फिर डर काहे का !
इस देश में क्या नहीं हो सकता सब कुछ जायज है, देश प्रजातांत्रिक है, धर्मनिरपेक्ष है ! धर्मनिरपेक्ष की व्याख्या जो पार्टी के बॉस चाहे वही है ! हाँ एक काम देश की केंद्र सरकार से नहीं हो सकता, चीन जब चाहे जितनी बार चाहे हमारी सीमाओं का उलंघन कर सकता है, हम उन्हें रोक नहीं सकते क्योंकि हम शांती प्रिय हैं ! पाकिस्तानी सीमा के अन्दर घूस कर हमारे सैनिकों का सिर काट कर ले जा सकता है, सैनिकों को मार कर भाग जाता है, हम शांती का धुला धुलाया सफ़ेद झंवापिस चली गयी ! डा लेकर अपने विदेश मंत्री को भेज देते हैं चीन या पाकिस्तान के राजनेताओं से मिलने ! वे इनकी मेहमान नवाजी में पार्टी दे देते हैं स्वादिष्ट भोजन खिला देते हैं, आश्वासन दे देते हैं और हमारे विदेश मंत्री मुस्कराते हुए, खुश होकर वापिस आजाते हैं ! परसों पाकिस्तानी सेना की एक कंपनी पूंछ इलाके में भारतीय सीमा के अन्दर आई और पांच भारतीय सैनिकों को मार कर वापिस चली गयी, उत्तर में हमारे रक्षा मंत्री एंटोनी फरमाते हैं की वो जो सीमा के अन्दर आये थे पाकिस्तानी सैनिक नहीं थे बल्की पाकिस्तानी सेना की वर्दी में आतंकवादी थे ! वहीं मनीष तिवाडी कहते हैं की विपक्ष को ऐसे संगीन मुद्दों पर भाषा पर कट्रोल रखना चाहिए, यानी अडवानी जैसे नेताओं को मनीष तिवाडी से पूछ कर जनता से मुखातिब होना चाहिए ! इसका कसूर नहीं है शिक्षा ही ऐसे मिली है, मिस्टर तिवाडी को ! वाह क्या खूब, एंटोनी जी क्या जनता को इतना अनपढ़ गंवार समझ रखा है ! पाकिस्तान को क्लीन चिट देकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है केंद्र सरकार ! क्योंकि केंद्र सरकार आजकल रिमोट कंट्रोल से चल रही है ! सब कुछ रिमोट चलाने वाले की इच्छा पर निर्भर करता है ! चलो देश चल रहा है, सता पर बैठे लोग भी लंच डीनर करके चल रहे हैं, आम जनता मंहगाई, बेरोजगारी, आय कर, बिजली, पानी के बिलों तले पीस रही है फिर भी चल रहे हैं ! गरीब बच्चे मिड डे के नाम से सरकारी भोजन करके मर रहे हैं, फिर भी चल रहे हैं, महिलाओं का शील भंग होरहा है, गुंडे बेफीक्री से दिन दहाड़े लूट खसोट मार पीट कर रहे हैं, पुलिस वाले जेब भरने में लगे हैं लेकिन इतना होने पर भी सब चल रहे हैं कोई मजबूरी में तो कोइ खुश होकर चल रहा है ! बोलो भारत माता की जय ! जय हिन्द, जो बोले सो निहाल सत सरिअ अकाल !! वाले कम सलाम, सलाम वाले कम, गुड मार्निंग बाय बाय …. ओके फिर मिलेंगे ! हरेन्द्र

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