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“मैं राजनीति में आया, माँ खूब रोई, पुराने जख्म ताजे होगये ! इसी तरह मेरे पापा ने भी जब राजनीति के काँटों भरा ताज सर पर रखा था तो मेरी दादी भी तो खूब रोई थी ! मेरी दादी और मेरे पापा को जिन लोंगों ने मारा वे अब मुझे भी मारना चाहते हैं ! लेकिन मैं डरता नहीं हूँ ! शेर कि तरह दहाड़ मारता हूँ, विपक्ष को डराता हूँ, आतंकियों को भगाता हूँ ! मुझे तो हर नेता के दिल का हाल मालूम है, जनता की नब्ज को मैं पहिचानता हूँ, इस पार्टी को खूब जानता हूँ जिसने सन १९४७, १५ अगस्त को देश कि सता संभाली थी, जिस पार्टी ने देश को प्रथम प्रधान मंत्री दिया जो मेरे पापा के नाना और मेरी दादी के पिता जी थे ! उसके बाद मेरा ही परिवार था जो देश पर शाशन करता रहा औरे कुर्वान होता रहा ! मैं मानता हूँ कि मेरी पार्टी में बड़े बड़े दिग्गज घोटालेवाज, जमाखोर, चोर, कालाबाजारी करने वाले हैं ! जनता ने इन पर बार बार विश्वास किया लेकिन इन्होंने जनता को बदले में क्या दिया ? झूठे वादे, झूठे स्वप्न दिखाये ! मैं यह भी मानता हूँ कि जनता को रिझाने के लिए हम सदा से चुनावों के दिनों में ही विकास कार्यों कि घोषणा करते हैं, जनता का सच्चा हितैसी बनाने का स्वांग करते हैं, जिन पर चुनाव आयोग अडंगा लगा देता है कि “हम आचार संहिता का उलंघन कर रहे हैं”, जनताको अपनी मजबूरी बता देते हैं ! लेकिन अब मैं आपसे वादा करता हूँ कि अगर इस बार आप मेरी पार्टी को जीता देंगे तो मैं भ्रष्टारियों और अफ़राधियों को सता के नजदीक भी नहीं फटकने दूंगा, साथ ही मुझे यकीन हो जाएगा कि मेरा राजनीति में आना सार्थक होगया है ! दिल्ली में हमारी पार्टी पिछले १५ सालों से राज कर रही है, माई बाप हो एक चांस और दे दीजिए, नाक लम्बी है लम्बी ही रहने दीजिए और जनता कि और सेवा करने का अवसर दीजिए ! मेरी मम्मी गरीबों के आँसुवों को नहीं देख पाती है, जिस दिन संसद में गरीबों को सस्ता अनाज मुहय्या कराने वाले बिल चर्चा हो रही थी, माँ अस्पताल में थी और उनके चक्षु, अश्रु बुँदे गिरा रहे थे ! मेरे परिवार के लोगों को गरीबों के प्रति दया है, उनकी मदद करने का जज्वा है ! जब भी मैं किसी गरीब के बच्चे को दूध के लिए रोते हुए देखता हूँ मेरे दिल में करुणा का भाव छलांगे मारने लगता है ! मैं गरीबों के घर पैदा नहीं हुआ तो क्या हुआ, उनके झोपड़ों में जाकर उनकी टूटी खाट पर सोया तो हूँ ! बस एक मौक़ा और देदो ! विपक्ष वालों ने मेरे जीजा जी पर आय से ज्यादा धन रखने का आरोप लगाया, लेकिन उनकी एक न चली, जांच कि एक ईंट भी नहीं हिली ! मैं और मेरी पार्टी भारतीय क्रिकेट टीम को तथा बी सी सी ऐ को प्रोत्साहन देते हैं और वे आस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज वाली टीम तक् को पानी पिला देते हैं ! कम बोला हूँ ज्यादा समझना, दिल्ली के चुनाव में मेरी झोली में अपना कीमती मत
भरना मत भूलना !
जय हिन्द , स्वयं समझ गए होगे कि मैं कौन ? “
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