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मुझे वोट दो, मैं रोट दूंगा !
अगर जीत गया, सब कुछ दूंगा,
नहीं जीता करारी चोट दूंगा !
मुझे वोट दो, जनता के स्वप्न साकार कर दूंगा,
स्वप्न में ही सही,
तारों को जमीन पे उतार दूंगा !
दिन ही दिन रहेगा,
रात नहीं होने दूंगा,
ऐवरेस्ट को धरती पर
भ्रष्ट दुष्कर्मी को हिम पर बिठा दूंगा,
सरद की धूप कुदरत का रूप दूंगा !
मुझे वोट दो मैं रोट दूंगा !
मुझे यारो कमजोर मत समझना
मैं भी एक हस्ती हूँ,
बिना चप्पू की किस्ती हूँ,
जिधर चाहोगे घूम जाउंगा,
रात को दिन बताऊंगा,
रावण ने ९९ सीढी बनाई थी,
मैं सौ बनाकर स्वर्ग पहुंचाउंगा,
आओ आज कंधे पर बैठ जाओ,
कल मुझे बिठाना, अब नहीं चलेगा बहाना,
हाँ करके ना न कहना,
जालिम है ज़माना !
यक़ीन करो चाँद की सीट बुक कर दूंगा,
जमीन पर सड़क, बिजली, पानी का सुख न मिले,
मंगल पे बना दूंगा !
मेरी जिंदगी की किताब
खुली पडी है,
जनता को दिखा दूंगा !
समगलर रहा, पैसा कमाया,
राजनीति में आया सरकारी माल खाया,
जिसको नहीं मिला उसने भ्रष्टाचारी बताया,
दस बसंत जेल में बिताया !
आय से बढ़कर धन के मामले में विपक्ष ने फंसाया,
फिर जेल गया, राजनीतिज्ञ कैदी कहलाया,
बाहर आया जनता ने गले लगाया !
सोचता हूँ मेरी सास का कद भी राजनीति में बड़ा होता,
घोटाले करता फिर भी चैन से सोता,
५० लाख का ५ सौ करोड़ बनाता,
जांच से बच जाता !
कहा सूना माफ़ करना,
मेरे नाम का बटन दबाना
सर्दी में कम्बल कोट दूंगा,
गदा रजाई नोट दूंगा,
लाला को दूकान,
जनता को फोन दूंगा,
गरीब को राशन मकान दूंगा !
गरीबी हटे ना हटे, गरीब हटा दूंगा,
मुझे वोट दो, मैं रोट दूंगा,
नहीं दोगे करारी चोट दूंगा !
ज्यादा वोट दोगे सीएम बनूंगा,
पुलिस पर दबाव देकर
जनता से दोस्ती करूंगा,
बलात्कारी दुष्कर्मी को,
फांसी की सजा दूंगा,
रामदेव का योगा, प्राणायाम
खुद करूंगा, जनता से कराउंगा,
स्वस्थ जनता हो, प्रोग्राम बनाऊंगा,
सांसदों की कैंटीन से गरीब को
सस्ता भोजन खिलाऊंगा,
मैं चाहे जमीन पर सोऊँ,
वोटर को सोने की पलंग पर सुलाऊंगा,
बाहरे इलाहाबादी अमरुद दूंगा,
नागपुरी संतरे कश्मीरी सेव,
पका आम अमचूर दूंगा,
मुझे वोट दो, मैं रोट दूंगा,
नहीं दोगे करारी चोट दूंगा !
हरेन्द्र ७८ बसंत पर
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