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जनता वनाम नेता

jagate raho
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देश को आजादी मिलने के बाद संविधान ने जनता को अपनी सरकार बनाने की पूरी स्वतंत्रता दे दी थी ! पहले देश में पैसा नहीं था, चुनाव प्रतिक्रया जटिल नहीं थी, जनता अपने इलाके के साफ़ सुथरी छबि वाले व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि बनाती थी ! वह भी बड़ी मेहनत और ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाता था और जनता के सुख दुःख में साथ होता था, प्रेम और स्नेह पाता था ! जब भी वह इलाके में आता था जनता का चहेता बनकर भरपूर आत्मिकता और इज्जत पाता था ! इन प्रतिनिधियों में कोई कम पढ़ा लिखा किसान भी होता था, निम्न वर्ग और उच्च वर्ग के भी होते थे ! एक तरफ भूतपूर्व बड़े बड़े राजाओं के सुकुमार भी होते थे, बैरिस्टरों के नाजुक लाडले, जिनके कपडे पेरिस से धुल कर आते थे, चुनाव मैदान में होते थे ! उस समय भी प्रजातंत्र के नाम पर केवल एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने वाला व्यक्ति बहुमत को नकार कर बहुत बड़े रईस बैरिस्टर के के कोमल और नाजुक बदन वाले बाते को देश की सता सम्भाल देते थे, जिसने पहली बार खादी पहनी और नाजुक देह पर छाले पड़ गए ! जब वह गद्दी पर बैठा तो ऐसा बैठा कि प्रजातंत्र की व्याख्या ही बदल दी गयी ! सता एक परिवार के इर्द गिर्द ही घूमने लगी ! एक महान हस्ती, सारे देश को एक सूत्र में बांधने वाला, देश की जनता का महान योद्धा, लायक, भारतीय जन मानस के दुःख सुखों का साथी, लौह पुरुष सता से दूर कर दिया गया था ! देश आज भी इस पीड़ा को झेल रहा है !
२५ नवम्बर को, मध्य प्रदेश और मिज़ोरम में जनता के हाथों से सता का ताज अब जीती हुई पार्टी को हस्तांतरित हो गया है, जो भी पार्टी बहुमत से जीतेगी ताज उसी के सर पर होगा ! अब चुनाव मैदान में डटे हुए तमाम बड़े और छोटे नेता जो अभी तक अपनी चोंच पैनी करते करते जनता को गुम राह करते थे, अब मत पेटी में बंद पडी अपनी भाग्य के प्रति चिंतित नजर आ रहे हैं ! एक सीट के लिए दो तीन से लेकर दस बीस प्रत्यासी तक चुनाव मैदान में डटे थे लेकिन ताज तो केवल एक के ही सर पर बंधेगा !
हमारा देश प्रजा तांत्रिक गणराज्य है ! देश में चुनाव होते थे, धनपति, राजपरिवार के राजकुमार, बाहुबली, धन और बल पर चुनाव जीत जाते थे ! मत पेटियां चोरी की जाती थी, विपक्ष के वोटरों को मतदान केंद्र तक नहीं आने दिया जाता था और उनकी जगह फर्जी वोट डाले जाते थे ! केंद्र में एक ही परिवार लगातार पैतृक सम्पति समझ कर सता पर आसीन होता था ! टी येन सेशन ने चुनाव आयोग अध्यक्ष की कुर्सी सम्भाली और चुनाव प्रतिक्रया में आमूल परिवर्तन कर दिया ! इस नयी प्रणाली से जनता अपना सही प्रत्यासी को चुन कर विधान सभा/संसद तक पहुंचा रही है !
हमें संविधान ने अपने प्रतिनिधि को चुनने का अधिकार दिया है ! क्यों न हम सब अपने इस अधिकार का उपयोग करें और स्वच्छ, ईमानदार, कर्मठ, देश प्रेमी, विकास पुरुष को सता देकर देश से भ्रष्टाचार, दुष्कर्म, चोर लुटेरे और गन्दगी को दूर करके देश को फिर से विश्व गुरु बनाने में सहयोग करें ! आओ हम सब वोट दें ! अगर लिस्ट में कोई भी योग्य प्रत्यासी नजर न आए तो कोई भी नहीं पर ठपा लगाएं ! जय हिन्द

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