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नय्या डूबी कांग्रेस की, धन्य हो केजरीवाल,
धन्य हो केजरीवाल, भाजपा ने पर्दा गिराया,
एक टांग देने आप को कांग्रेस ने हाथ बढ़ाया,
शर्तें सुनकर आप की कांग्रेसी बगलें झाँक रहे हैं,
कुर्सी उनकी छीन गयी, गरदा धूल अब फांक रहे हैं ! १ !
सरकार अगर बना गया, अरविन्द केजरीवाल,
कटघरे में होगी फिर, पिछली दिल्ली सरकार,
पिछली दिल्ली सरकार, जेल में पापड बेलेंगे,
क्रिकेट गया हाथ से, अब कबड्डी ही खेलेंगे,
कहे रावत कवि राय, ये है कुदरत की माया,
भ्रष्ट शैतानों के आँगन में फ़ैल रही काली छाया ! २ !
अरविंद ने कहा कांग्रेस से नहीं चाहिए टांग,
१५ साल तक कांग्रेस ने जनता को पिलाई भांग,
जनता को पिलाई भांग, मुझे सरकार चलानी है,
जुल्म, भ्रष्टाचार, बलात्कार दिल्ली से हटानी है,
दिल्ली की जनता आज देखो जश्न मना रही है,
भ्रष्ट लुटेरे मंत्री संतरी अपनी फाइलें जला रही है ! ३ !
टिन टिन घंटी बजी,
“अरविंद केजरीवाल जी, इन्सान हो भगवान नहीं,
आठ सीटें हैं हमारी मिल जाएँगी आपको अभी,
केजरीवाल
मैं आदमी हूँ, भगवान नहीं मत डरो,
अब जो भी मैं कहूँ तुम वही करो !
उधर से
आप आग से खेल रहे हो जो जलाती है !
अरविन्द
जानताहूँ,
अग्नि केवल भ्रष्टता को जलाती है,
सच्चाई, ईमानदारी ठंडक पहुंचाती है !
मुख्य मंत्री की कुर्सी काँटों का ताज है,
इसकी गहराई में आम आदमी की आवाज है !
जनता कहेगी सरकार बनाऊंगा,
नहीं तो विपक्ष में बैठ कर आवाज उठाउंगा !
१६ दिसम्बर २०१३
नफ़ा नुकशान ज़ीरो कुर्सी अभी खाली है,
दिल्ली का बगीचा अभी बिना माली है !
अगर माली नहीं मिला कमल नहीं खिला,
राष्ट्रपति शासन होगा,
आप और भाजपा मिलकर कर करेंगे फिर योगा !
हरेन्द्र
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