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पहली जूून को इंद्रा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से एतिहाद एयरवेज़ से आबू धावी होते हुए न्यूयार्क अमेरिका के कैनेडी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे तो काफी कुछ बदला सा लगा ! इमिग्रेशन खिड़की में भी ज्यादा समय नहीं लगा ! मैं पिछले ११ सालों से अमेरिका आ रहा हूँ, यह पहला अवसर था जब न्यूयार्क मे कैनेडी अंतर्राष्ट्रीय एयर पोर्ट की इमिग्रेशन खिड़की से घंटों का काम मिनटों में हुआ ! फिर अमेरिका का शानदार मौसम पता ही नहीं लगा की लौंग आइलैंड में कभी गर्मी भी आई होगी ! कभी पवन धाम मंदिर या फिर बालक नाथ, आर्यसमाज मंदिर रविवार का दिन भजन कीर्तन में चले जाते थे और फिर लंच करके ही घर आते थे ! कभी कभी बृज मोहन चौधरी परिवार के साथ ही बालकनाथ मंदिर में संतों के प्रवचन श्रवण का लाभ उठाते !
सुबह सबेरे उठ कर कॉलोनी को कबर करती कृत्रिम पहाड़ी के ऊपर चढ़ जाते
उसके ऊपर मखमली घास से सुसज्जित करीब दो सो मीटर लंबा ५० मीटर चौड़ा ओवल आकार का मैदान, जिसे मयूर पंखी पौधों से सजाया हुआ है का चक्कर लगाते ! पूर्व दिशा में लालिमा बिखेरते हुए सूर्य भगवान का रथ धीरे धीरे समुद्र की गोद से बाहर निकल आता, कुदरत के बिखरे हुए उस खूब सूरत नज़ारे को देखकर चक्षु दृष्टि में इजाफा करते ! हल्की सी गुलाबी सर्दी शुरू होने लगी थी, सूर्य रथ उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा की ओर रूख कर चुके थे ! सुबह की इस मधुर वेला का आनंद लेने के लिए सी ईगल दल बतियाते हुए अपने रैन बसेरा से निकल कर नील गगन में सैर सपाटे के लिए निकल पड़ते केवल वो जो अपनी सियत का ध्यान रखते ! वैसे इस सुनहरी वेला में बहुत कम लोग इस सुपथ पर नजर आते हैं लेकिन जो भी आते मुस्कराते और खिलखिलाते हुए मिलते, कोई दौड़ते हुए तो कोई अपने लाडले पिल्ले को घुमाते हुए मिलते ! गुलाबी सर्दी के साथ ही प्रकृति भी अपनी कला कौशल के भण्डार को वन उपवन ताल तलैया और पर्वत घाटियों में बिखेरने लगी है ! पवन वेग रुकता है, समुद्र अंगड़ाई लेता है, सूरज की किरणे समुद्र के जल समूह को भाप के रूप में सारे आसमान में फैला देता है बादल बना कर ! बारीश होती है और सर्दी का लेबल बढ़ जाता है ! पता ही नहीं लगा की कब अमेरिका में साढ़े चार महीने बीत गए ! कैलेंडर की तारीखें बदलती गई १२ अक्टूबर आया वही एतिहाद एयर लाईन आबुधावी होते हुए १४ अक्टूबर को सुबह के तीन बजे दिल्ली एयर पोर्ट पर लैंड कर गए ! अब केवल याद है साफ़ सुथरी हर तरह की गाड़ियों को निर्वाद गति देने वाली सड़कें, स्वच्छ गली कूचे, पार्क, आँगन ! कहीं कोई कूड़ा नहीं, कोई पॉलीथिन नहीं, सरकारी दीवालों की तरफ खड़े होकर कोई खुले में लघु शंका नहीं करते, न गली कूचे सडकों पर चहल कदमी करते हुए कोई बीडी सीग्रेट पीते ही कोई नजर आता है ! विश्व भर के अच्छे बुरे लोग वहां रहते हैं लेकिन वहां जाते ही वे सारे असभ्य भी अमेरिका, जापान, यूरोप जाकर वहां के सभ्य नागरिक बन जाते हैं ! वैसे हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी का सन्देश भारतवासियों को रास तो आ रहा है, लेकिन जैसे ही ये चोरी चोरी सड़क गलियों में कूड़ा फेंकने वाले सुधरेंगे हमारा भारत देश भी जापान अमेरिका जैसे ही साफ़ सुथरा नजर आएगा ! आओ हम तुम इस स्वच्छ “भारत को क्लीन ग्रीन करने के अभियान में शामिल होकर अपने प्रधान मंत्री जी के स्वप्न को साकार करें ! आप एक कचरा उठाएंगे पूरे देश का एक अरब चालीस लाख कूड़ा निकलेगा फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी भारत की तरफ भौतिक और मानसिक कूड़ा डालने की !
विश्व में बढ़ेगा मान सम्मान,
चमक उठेगा हिन्दुस्तान !!
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