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समाचारों के जंगल में _ केजरीवाल ने माफ़ी माँगी

jagate raho
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जागरण जंक्शन के वरिष्ठ, जवान, भारत की उभरती हुई संतती, लेखक तथा पाठको, जागते रहो के साथ साथ, अगल बगल पास पड़ोस से भी कहो, जब भी अपने मत अधिकार का प्रयोग करो, नेताओं की चिकनी चुपड़ी बातों के भंवर से बच के रहो ! देख लिया परिणाम, अभी तो मतदातों के अंगुली पर लगी स्याही भी फीकी नहीं पडी, दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल रोज एक नया ड्रामा खड़ा कर गए, फिर जब ज्यादा विरोध के स्वर उभरने लगे तो माफी माँगा ली ! वैसे लगता है आप पार्टी के तमाम नेताओं ने राजनीति में आने से पहले किसी ड्रामा स्कूल में शिक्षा ली है, नहीं तो एक आम आदमी इतनी सफाई से रोने की ऐक्टिंग, हंसने की ऐक्टिंग, पल में शेर की दहाड़ तो पल में गीदड़ का समर्पण ! मतलब कहने का यह है की नेता बनने के लिए पहले ऐक्टर और खिलाड़ी बनना पडेगा ! देखा आपने जिस दिन गजेन्द्रसिंह किसान पेड़ पर चढ़ कर फांसी लगा रहा था, आपके बहुत से सदस्य पेड़ के नीचे जमा थे, केजरीवाल जी भाषण दिए जा रहे थे ! जब चारों दिशाओं से जनता के विरोध की आवाजें इनके करण पटों से टकराने लगी तो केजरीवाल जी आंसू पोंछते हुए नजर आए, आशुतोष टीवी पर गजेन्द्र की बेटी के सामने बुरी तरह रोते हुए दिखाई दिए, संजयसिंह गंभीर मुद्रा में गजेन्द्र के गाँव गए, परिवार वालों को १० लाख का चेक थमाया, उन्हें शहीद किसान बनाने का भरोषा दिलाया ! ये सब कुछ नहीं करना पड़ता अगर मुख्य मंत्री जी उस समय भाषण बंद कर गजेन्द्र को बचाने का प्रयास करते तो गजेन्द्र बच जाता, आशुतोष को टीवी पर रोना नहीं पड़ता, केजरीवाल जी को माफी नहीं मांगनी पड़ती, पार्लियामेंट और राज्य सभा में भाजपा, कांग्रेस और तमाम पार्टियों को जो केजरीवाल के तूफानी प्रहार से धराशाही हुए शोर मचाने का मौक़ा नहीं मिलता ! गजेन्द्र बेचारा तो दुनिया से चला गया और राजनीति के पंडितों को गर्म तवे पर रोटी सेकने का अवसर दे गया ! वैसे केजरीवाल जी को खीचं तान कर केवल एक महीना हुआ है कुर्सी पर बैठे हुए और इस बीच वे पता नहीं कितनी बार जनता से माफी मांग चुकें हैं ! एक कहावत है की आदमी जितना बड़ा होता है उतना ज्यादा झुकता चला जाता है, लेकिन हमारे दिल्ली के मुख्य मंत्री जी ज़रा ज्यादा ही झुक गए हैं अब इससे आगे झुके नहीं की कमर ही साथ छोड़ देगी !
कांग्रेस के उपाध्यक्ष केदारनाथ मंदिर में पूजा कर के रुद्राक्ष की माला गले डाल कर अपनी जन्म पत्री से चिपके राहू केतू को हटाने का उपक्रम करके, नयी ऊर्जा महसूस कर रहे हैं ! अब वे किसानो को मिलने उनकी कुटियों में भोजन भजन करने का प्रोग्राम बना रहे हैं ! राहुल जी अभी तक अपने कनखजूरे चमचों से घिरे हुए हैं, उनके द्वारा लिखे भाषण पढ़ते हैं, , प्रिंस की तरह जीवन का लुफ्त उठा रहे हैं ! २०१४ तक उन्हें पका भरोषा था भारत की जनता बिलकुल भोली भाली है, हम जिधर चाहेंगे देश की जनता को घूमा देंगे ! देखा भारत के प्रधान मंत्री मन मोहन सिंह जी थे, कितने सज्जन, सीधे सादे, १० साल तक बेचारे सच्चे संत की तरह मुंह, आँख कान बंद करके रहे ! जिस पार्टी के पास ऐसे सच्चे ईमानदार, जो न बुरा देखता हो, न बुरा सुनता हो, न बुराई दूर करने का कोई प्रयास ही करता हो, पर सत्ता पर चिपका हुआ हो ! लेकिन नींद तो तब भंग हुई, जब चुनावी जंग में अचानक मोदी जी का विजय रथ गढ़ पर गढ़ फतह करता हुआ दिल्ली पहुंचा ! अब राहुल जी रैली कर रहे हैं और जनता को बता रहे हैं, की देश का प्रधान मंत्री सूट पहिनता है, विदेशों में जाकर रंग जमाता है, ये सरकार उद्योग पतियों की सरकार है ! बोलिए जनता का क्या भला करता है ?” किसी ने रैली के बीच बैठ कर दबी आवाज में सवाल दाग दिया, ” राहुल जी, कांग्रेस ने तो कुछ समय छोड़ कर १९४७ से २०१४ तक सत्ता का भोग किया, झोलाछाप नेताओं को करोड़ पति बना दिया, गरीबी तो नहीं हटाई जा सकी लेकिन पार्टी की गरीबी दूर कर दी ! देश में बाफर्स गनों की खरीद पर ६४ करोड़ की कमीशन किसने खाई ? बताइए उन्होंने गरीब जनता का क्या भला किया ? विदेशियों को देश में बसा कर वोट बैंक बनाया, गरीबों को गरीबी लाईन से भी नीचे गिरा दिया, धनपतियों का खजाना भर कर उन्हें और ऊंचा उठा दिया ! नेताओं ने गांधी टोपी छोड़ कर खद्दर की शेरवानी, जेब पर सूर्ख गुलाब का फूल, सफ़ेद कुर्ता पाजामा पहिंन कर सूट कोट पेंट को भी पीछे छोड़ दिया, पर लेबल गरीबों की पार्टी का लगा दिया !
संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ खुश हाली के मामले में भारत बहुत पीछे है, एक सौ पचास देशों में भारत का नंबर ११७ वां है जब की २०१३ में यह १११वा स्थान पर था, पाकिस्तान ८१ वें स्थान पर है ! ऐसा क्यों है ? भारत में गरीबी का प्रतिशत ज्यादा है ! इस गरीबी को बढ़ावा दिया है पाकिस्तान और बंगला देश ने ! पाकिस्तानी जो भारत भ्रमण करने आया यहीं रह गया, और बंगला देशी जो संन १९७१ के लड़ाई के दौरान भारत शरणार्थी बन कर आए थे जिनकी संख्या लाखों में थी वे फिर वापिस अपना देश नहीं गए, यहीं का होकर रह
गए ! है न कमाल, !
शनिवार २५ अप्रैल २०१५ सुबह के ११.५० के लगभग ७.९ की स्पीड से जोरदार भूकम्प का झटका लगा जिसने नेपाल उससे लगा बिहार, पश्चिमी बंगाल और उत्तर प्रदेश के बहुत बड़े भू भाग में विनाश बरपा दिया ! नेपाल में तो इस भूकम्प ने बहुत तबाही मचा दी, अकेले नेपाल की राजधानी काठमांडू में ७००_८०० लोगों के मरने की खबर है, नेपाल के सारे इलाकों से २७८९ के लग भग शव मलवे के ढेर से निकाले जा चुके हैं ! मरने वालों की संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है, ६२०० घायलों को अस्पतलों में भरती किया जा चुका है ! ६६ लाख लोग बेघर हो चुके हैं ! इमारतें मलवे के ढेर में तब्दील होगई हैं ! बिहार, यूपी और पश्चिमी बंगाल में अभी तक ६7 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है और २५९ घायल अवस्था में देश के विभिन अस्पतालों में पड़े हैं ! इसके बाद दुबारा १२.३० पर भी जोर का भूकम्प का झटका महसूस किया गया ! कही इलाकों में रविवार, सोमवार को भी भूकम्प की कम्पन महसूश की गयी है ! माउंट एवेरेस्ट को जाने के लिए पर्वता रोहियों को बेस कैम्प एक और दो में विश्राम करना होता है, ये दोनों कैम्प पूरी तरह बर्फीली चटानों की चपेट में आने से मलियामेट हो गयी हैं, अभी तक इन कैम्पों से २२ लाशें निकाली जा चुकी हैं ! भारत की सेना और जन कल्याण समितियां बड़ी संख्या में नेपाल में राहत कार्यों के अलावा आर्थिक सहायता भी कर रही है ! दवाइयाँ, डाक्टर, हेलीकाप्टर, एम्बुलेंस गाड़ियां वहां पहुंचाई गयी हैं ! अमेरिका, कनाडा, चीन और बहुत सारे देश नेपाल को आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर चुके हैं ! यहां पर आके इंसान को अपने अस्तित्व का सही आभास हो पाता है, कुदरत के सामने अपंगु होने का अहसास हो जाता है ! इंसान द्वारा हजारों वर्षों की मेहनत से उठाई हुई गगन चुम्बी इमारतें, सजे सजाए माल, टावर, महल और भवनों की कला कृतियाँ सेकेंडों में धराशाही हो जाती है और आदमी किम कर्तव्य विमूठ होकर देखता रह जाता है ! भ्रष्टाचारियो, काला धन पतियों, आतंकवादियों, नक्षल पंथी और देश से गद्दारी करने वाले गद्दारो कुदरत के इस विध्वंसकारी मजार को याद करो, उसकी लाठी में आवाज नहीं है, संभालने का मौक़ा भी नहीं देता है ! चोरी डकैती का माल पीछे छूट जाता है और कुकर्मों की लम्बी चौड़ी लिष्ट धर्म राज के पास आत्मा से पहले पहुँच जाती है ! ताजे समाचारों के मुताबिक़ संयुक्त राष्ट्र संघ के सेक्रेटरी जनरल ने भी नेपाल में राहत कार्यों का बीड़ा उठा लिया है ! भगवान रक्षा करे,.ऐसे दुर्दिन किसी को भी नहीं देखने पड़े ! हरिओम -हरिओम !! हरेन्द्र

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