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०४ जुलाई २०१५ को मेजर टोखराम सांगवान जी (राज रिफ़ ) – सुदेश कुमारी जी अपनी शादी के ४२ गोल्डन इयर पूरे कर चुके हैं. ! मेजर साहेब ने अपने निवास स्थान पर पहले आर्य समाज पद्दति से हवन के साथ साथ इष्ट मित्रो और रिश्तेदारों के साथ एक पार्टी का आयोजन भी किया था ! प्रवचन भी हुए. मुझे भी समय दिया गया ! मैंने इस सुखी सम्पन परिवार को शब्दों को पिरोकर माला बनाके भेंट की !
मंगलं भगवान विष्णु, मंगलम गरुडा ध्वजा,
मंगलम पुण्डरी काक्षाया मंगलाय तनो हरी !!
सबसे पहले अग्नि को करता हूँ प्रणाम,
हवन कुण्ड की धूलि को दूँ माथे पर स्थान !
४२ साल पहले
असाढ़ का महीना धरती पर, गगन में थी घनघोर घटा,
कल तक तपती थी धरती, आज तपन का तेज हटा !
चंचल चपल बिजली चमकी, रिम झिम वारीश वरषे,
खेतों की हरियाली देख कृषक का मन हरषे !!
०४ जुलाई १९७३ कैलेंडर ने बतलाया,
शीतलता देने पवन ने अपना पंख हिलाया !
थे टोखराम जी घोड़े पर घोड़े की गर्दन ऊंची,
और बरात जल्दी से दुल्हन के घर पंहुची !
मंडप था सजा हुआ थी गेट की शोभा न्यारी,
पंडाल सजे थे, पकवानों की खुशबू थी अति प्यारी !
सेहरा पहने हुए दूल्हा, थे फौजी अधिकारी,
सुदेश कुमारी कन्या ने वर माला गले में डाली !!
शादी हुई सम्पन कुदरत ने पुष्प गिराए,
दो दिलों के मेल पर नर नारायण हर्षाए !!
और आज ४२ साल बाद
०४ जुलाई २०१५ दिन है शनिवार,
इस दम्पति की शादी को हो गए ४२ साल,
मित्र बधाई दे रहे, मस्त मस्त है चाल,
आशीर्वाद बुजुर्गों का बच्चे खुशी मनाएं,
रावत दम्पति शब्दों की वर माला इन्हें पहनाएं !!
सभी कहेंगे एक स्वर से “शादी की साल गिरह की बधाई”
स्वस्थ रहो प्रश्न रहो संतों की टोली आई !! हरेन्द्र-जयंती
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