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कांग्रेस केंद्र में पूरे १० साल तक २००४ से २०१४ तक सत्ता का भोग भोगती रही ! दिल्ली में लगातार १५ साल तक शीलादीक्षित जी सीएम की कुर्सी पर विराजमान रही, , उन दिनों राहुल गांधी को किसानों और ठेलेवालों की याद नहीं आई ! जब सत्ता छिन गयी तो
गरीबों की याद आगई, वे जानते हैं की ये ही भारत की सत्ता हथियाने का सबसे बड़ा वोट बैंक है ! प्रजातंत्र में वंशवाद नहीं चलता है, लेकिन भारत में चल रहा है ! सारी जनता जानती है की भारत में चाहे कोई भी पार्टी हो, सत्ता हथिया ने के लिए किसी हद तक उत्तर सकते हैं ! किसी दुश्मन के साथ भी पंजा भिड़ा सकते हैं, दोस्त रिश्तेदार तक का त्याग कर सकते हैं ! बिहार में परसों एक ही झंडे तले, अपने को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले अल्प संख्यकों और यस सी, एसटी को रिझाने की कोशिश में सीएम की होड़ में नी और ला अलग होगए थे पर विपक्ष के मजबूत पंजे को संसद चुनाव में झेलने के बाद आँख खुल गयी और फिर से भाई भाई बन गए ! भैया जी ऐसी राजनीति की रोटियां नहीं सेकी जा सकती ! ज़रा अपने अंदर झांक के देखिए शेष चारा अभी भी नजर आएगा आपको तो खा कर बदहजमी हुई होगी, पर गाय बैल जिनके लिए वह चारा सरकारी खजाने से लिया गया था, वे बेचारे तो भूखी ही रह गए ! अब हाथ मिलाओ या दिल जब तक उन मवेशियों की बद्दुवा रहेगी तब तक कुछ नहीं होने वाला ! ये मवेशियों का श्राप आगे कब तक चलेगा, उन मवेशियों को जाकर पूछना पडेगा !
लेकिन राहुल बाबा तो सत्ता वापिस पाने के जतन में साम दाम दंड भेद के नुक्से आजमा रहे हैं ! कल तक जिनका मुंह भी वे देखना पसंद नहीं करते थे आज उनसे भाई भाई का नाता जोड़ रहे हैं ! राजनीति की नदियां चट्टान और पत्थर तोड़ती हुई शोर मचाती हुई आगे बढ़ती जा रही है, उस बाढ़ से कितने बच पाएंगे और कितनों की किस्मत का बैग ये नदियां साथ बहा ले जाएगी कोई नहीं जानता ! लगे रहो, सत्ता को कोशने की जगह कुछ नया करके दिखाओ ! मोदी जी को बुरा भला कह कर कभी सत्ता के नजदीक भी नहीं जा पाओगे ! बिहार का चुनाव देखें ऊंट किस करवट बदलता है !
कर्मठ जनता का सुख दुःख का साथी सत्ता पाएगा,
भ्र्ष्टाचारी, लम्पट चोर फिर मुंह की खाएगा !
बच के रहना ऐसे मतलबी लालची भ्रष्टाचारियों से,
अपने पापों के भार से आपकी नाव भी डुबाएगा !
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