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राहुल के बारे में चर्चा है की वे ब्रिटिश नागरिक हैं लेकिन केजरीवाल तो शुद्ध हिन्दुस्तानी हैं !

jagate raho
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अमीर खान के ऊल जलूल बयानों से सारे भारतवासियों को बड़ा सदमा लगा है ! फ़िल्मी दुनिया के विशेष कर मैं इन तीन खानों का बड़ा फैन था, अमीर खान शारुख खान और सलमान खान ! शाहरुख की फिल्म ‘स्वदेश’ मुझे बहुत अच्छी और राष्ट्रीयता के जोड़ में काफी वजनदार लगी थी ! उसकी और भी बहुत सारी फ़िल्में आकर्षक और मनोरंजन देनेवाली थी ! उसकी ऐक्टिंग में कहीं भी नहीं लगा की वह उस धर्म का नहीं है, जिसकी वह भूमिका निभा रहा है और वही बात सलमान खान में देखने को मिली ! उसकी फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ मुझे बहुत अच्छी लगी थी की दिल तक उत्तर गयी थी ! मैं अपने बचपन में दलीप कुमार की फ़िल्में बहुत देखा करता था ! सबसे पहले जो फिल्म देखी थी, उसका नाम था ‘उड़न खटोला’ और उसका ये गाना “वो दूर के मुसाफिर हम को भी साथ लेले ” आज भी गुनगुनाता हूँ ! रही अमीर खान की बात, अमीर खान की राष्ट्रीयता की तमाम फ़िल्में मैंने देखी हैं, उसकी फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ देश की अखंडता, स्वतंत्रता, स्वाधीनता, धर्म निरपेक्ष, संस्कृति और परम्पराओं के धागे से गुंथी हुई महसूस होती थी ! उसकी हर फिल्म कुछ नया लेकर आती थी ! लगान तो मैंने तीन बार देखी थी ! तारे जमीन पर तो मैंने एक कविता भी बनाई थी और अपने पोते पोती की स्कूल में सुनाई थी, श्रोताओं को बहुत पसंद आई थी ! कभी ऐसा नहीं लगा की वो हमसे अलग है ! वसुदेव कुटंबकम ये भारतीय संस्कृति का मोटो है ! फिर अचानक अमीरखां का मन कैसे अपनी जन्म भूमि से विरक्त हो गया ? देश के सच्चे नागरिकों को अमीर खान के इस बयान ने काफी तकलीफ पंहुचाई ! सबसे पुरानी कांग्रेस के सिपाहलासार वाइस प्रेजिडेंट राहुल गांधी को आमिर खान का मीडिया में दिए गए इस बयान से बड़ी खुशी हुई है, जैसे सुबरामनियम स्वामी ने कहा है की ” राहुल ब्रिटिश नागरिक है,” उनका खुश होना जायज लगता है, लेकिन दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल जिसको दिल्ली की जनता ने हाल ही में अपना सच्चा हितैषी और भ्रष्टाचारियों का दुश्मन समझा था उनका अमीरखांन की हाँ में हाँ मिलाना कुछ अटपटा सा लगा ! राहुल तो अपनी पढ़ाई आधे में ही छोड़ कर आगया था, की नेहरू गांधी का बिल्ला सीने पर लगा है कभी तो पीएम बनेगा ही, क्योंकि राजनेताओं पर शिक्षा सम्बन्धी कोई प्रतिबन्ध नहीं है ! पीएम न भी बना तो कांग्रेस का मुखिया तो यही रहेगा, कोई इसके बराबर होशियार, लायकबंद, पर्ची लेकर भाषण देने वाला पार्टी में है भी नहीं ! फिर अगर कोर्ट में यह साबित होगया की सचमुच में राहुल गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता ली थी तो वे ब्रिटेन चले जाएंगे, लेकिन केजरीवाल जी आप तो पढ़े लिखे, दिमागधारी, ले. गवर्नर व् भारत के पी एम से उलझने वाले प्रखर बुद्धी वाले हो, अपने कौशल, हूनर और साम दाम दण्ड भेद से दिल्ली की गद्दी पर कब्जा किया है, दिल्ली की जनता ने आपको भरपूर प्यार दिया है, फिर आपको अमीरखान के बयानों पर सहमती देने की क्यों जरूरत पड़ गयी ? चलो जिस जनता ने आपको सीएम की कुर्सी दी है वही आपसे पूछेगी, की आखिर वो कौन सी मुसीबत गले पड़ गयी थी की पटना जाकर लालू जी को गले लगाया फिर यह कह कर पाला झाड़ दिया की लालू जी ने जबरदलती से खींच कर भींच दिया और अमीरखान के देश छोड़ने के बयान पर सहमती जताया ! शायद आप भी किसी निरजन टापू में जाकर रमताराम बनकर समाधी तो नहीं लगाने वाले हैं ? वैसे आपकी पार्टी में सीएम की कुर्सी संभालने वाले कही लाईन में खड़े हैं, कुर्सी खाली होने की देर है !

एक जरूरी सूचना :-
देश छोड़ने वालों दो सूचित किया जाता है की भारतीय सरकार ने वे तमाम पासपोर्ट जो हाथ से लिखे हुए हैं, बंद कर दिए हैं ! जिनके पास पोर्ट २००२ से पहले के बने हुए हैं २० साल के लिए, वे अपने पुराने पास पोर्ट जमा करा दें और नए पास पोर्ट के लिए निवेदन करें ! सूचना समाप्त हुई ! जयहिंद – जय भारत – बन्दे मातरम !!

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