Menu
blogid : 12455 postid : 1128068

गीदड़ तो गीदड़ है शेर कैसे हो सकता है !

jagate raho
jagate raho
  • 456 Posts
  • 1013 Comments

एक बार एक गीदड़ पेट की भूख मिटाने जंगल से शहर की ओर आया ! वो जानता था की ‘शहर में रोज ही कोई न कोई जश्न मनाया जाता है, तथा नोनविज भोजन भी सर्व किया जाता है ! जूठे पत्तलों में काफी मात्रा में खाने की सामग्री मिल जाती है, भाग्य ने साथ दिया तो आज पेट भर खाऊंगा ‘ ! जैसे ही जूठे पत्तलों के ढेर में उसने मुंह मारा, गली के कुत्तों के कान खड़े होगये जो पहले से ही मॉल पूवा उड़ा रहे थे इस कचरे के ढेर से ! सबने एक साथ एक स्वर एक ही लय और ताल से भोंकना शुरू कर किया, गीदड़ ने साक्षात यम के दूतों को सामने देख कर जान बचाने के लिए दौड़ लगाई ! पीछे पड़ गए सारे कुत्ते ! रास्ते में एक गंदा नाला बहता था ! उसमें रंगरेज द्वारा विभिन रंगों से कपडे रंगने वाला रंग निकल कर इस नाले में गिर रहा था ! नाला चौड़ा और गहरा था ! मरता क्या न करता जान बचाने के लिए उसने नाले में ही छलांग लगा दी ! एक तो नाला ढलान पर था तथा पानी भी बहुत था और तेज गति से बाह रहा था, गीदड़ कही पलटियां मारते मारते अध मरा होकर जंगल के नजदीक किनारे लग गया ! जान बची लाखों पाये, लंगड़ाते हुए अपनी गुफा की तरफ चल पड़ा ! कुत्ते पीछे छूट गए थे , उनका डर नहीं था ! सोचा ज़रा विश्राम कर लिया जाय ! आसमान में चन्द्रमा चौदवीं का चाँद बनकर खिलखिला रहा था ! सारा जंगल चांदनी में नहा रहा था, कुछ देर सुस्ताते हुए वह कुदरत के इस रहस्य का रसास्वादन करने लगा ! शरीर के जख्मों को वह भूल गया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं !
अचानक उसकी नजर अपने रंग बिरंगे शरीर पर गयी, ये क्या हल्का बादामी रंग की जगह वह अब लाल, पीला, हरा नीला,काला रंगों से पुता था ! एक बार तो यह सोच कर घबरा गया की उसे उसके परिवार वाले भी नहीं पहिचान पाएंगे और निकाल बाहर कर देंगे ! लेकिन जानवरों में सियार गीदड़ अन्य जानवरों से चतुर और चालाक होता है ! उसने अपने शातिर दिमाग पर जोर डाला ! दिमाग में एक आइडिया आया, ज़रा मुस्कराया ! सीना तान कर अपने घर पहुंचा, अपनी विरादरी के सारे गीदड़ों को इकट्ठा किया और बोला, “मेरे गीदड़ भाइयो, पता है मैंने आपको क्यों बुलाया ? ख़ास खुश खबर सुनाने के लिए ! ये देखो मेरे शरीर को ! यह एक विशेष कवच है, सप्त रंगी कवच, स्वयं ब्रह्म लोक से ब्रह्मा जी आए थे इस कवच को मुझे पहिनाने के लिए और मुझे जंगल का राजा बनाने के लिए ! आज से मैं इस जंगल का राजा बन गया हूँ ! तुम सब लोग जाकर सारे जंगल में मुनादी फिरा दो की ब्रह्मलोक से स्वयं ब्रह्मा जी ने सन्देश भेेजा है की जंगल के राजा शेरसिंह को खबर कर दी जाय की उसकी राज्य की शासन व्यवस्था निम्न स्तर पर पहुँच गयी है, जंगल के सारे प्राणी परेशान हैं और मौजूदा राजा की छुट्टी करना चाहते हैं, इसलिए शेर राजा को आदेश दिया जाता है की, वे अपने शासन व्यवस्था की बागडोर श्री श्री १००८ स्यालक राम जी को थमा दें और स्वयं किसी अज्ञात वास में चले जांय “! फिर क्या था सारे गीदड़ ख़ुशी खुशी यह सन्देश शेर के अलावा जंगल के सारे जीव जंतुओं को सुनाकर आगये ! कुछ देर बाद शेर महाराज का सन्देश आगया, श्री श्री १००८ स्यालक राम जी को की “वे जल्दी से जल्दी आकर अपना चार्ज संभाल लें ! साथ में गीदडी अपनी धर्म पत्नी को भी लायं “! गीदड़ी बोली पहले मुझे बाजार जाकर किसी ब्यूटीशियन से मेक अप करके लाओ, फिर मेरे हाथ में तो चूड़ियाँ भी नहीं है चूड़ियाँ भी पहिनाओ ! अब मैं मामूली गीदडी नहीं हूँ जंगलकी रानी साहेबा हूँ ! रंगीन गीदड़ बोला “जब तक मैं पूरी तरह शेरसिंघ से कुर्सी नहीं हथिया लेता तब तक गली के कुत्ते पीछा करेंगे, बे मतलब क्यों पंगा मोल लेती हो, मेरा कहना मानो और घर में बच्चों को संभालो, मैं यों गया और शेरसिंघ से राजधानी की कुंजी लेकर यों आया,
” ! लेकिन यहाँ भी त्रिया हट बाधा बन गयी ! गीदडी बोली “मैं तो आपके साथ जाउंगी और पूरा श्रृंगार करके जाउंगी बस, कह दिया सो कह दिया” ! मरता क्या न करता, आखिर दीदड़ महाराज तैयार हो गए मार्केट जाने के लिए, जैसे ही वे दोनों जंगल की सीमा क्रॉस करके शहर की सरहद में आये, बीस पच्चीस गली के कुत्ते पीछे पड़ गए ! गीदड़ भाग पड़ा जान बचाने, गीदडी बोली, “अरे जंगल के राजा साहेब इनको ब्रह्मा जी का दिया हुआ रुका दिखा दो और वो लिखा हुआ आदेश भी पढ़वा दो ” की अब तुम मामूली दीदड़ नहीं हो बल्कि जंगल के ही नहीं सारे जानवरों के राजा हो ” ! गीदड़ भागते भागते बोला, “अरे भागले भागवान, ये सारे अनपढ़ हैं, पढ़ना नहीं जानते, काट खाएंगे “, लेकिन तब तक तो कुत्तों ने दोनों राजा
रानी को फाड़ फूड़ दिया ! भला जंगल में तो शेरसिंघ ही राज कर सकता है न की कोई गीदड़ ! कैसे रही अपनी टिप्पड़ी देते न भूलना ! जय राम जी की, नमस्ते !! सतश्री अकाल, गुड मॉर्निंग, सलामवाले कम !!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply