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अपनी जंक खाई राजनीति चमकाने के लिए, अपनी डूबती नाव के पेंदे में तल्ला चिपकाने की कला कोई कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से सीखे ! राहुल की एक बात तो माननी पड़ेगी, वह कहीं भी जाता है, अपने अल्प ज्ञान के कारण मुंह लटका काके आता है फिर उन्हीं अल्प ज्ञानी चम्मचों से पर्ची लिखवा के ले
जाता है, नयी ऊर्जा लेके, नए उत्साह के साथ, लेकिन फिर या तो जवान फिसल जाती है, या पर्ची में कुछ लिखा हुआ होता है और पढ़ा कुछ और जाता है ! कॉलेजों में लडके गलती सुधारते हैं, वे मोदी की बुराई करते हैं, विद्यार्थी “मोदी जी जिन्दावाद” कहते हैं ! फिर मुंह बनाके अपने आफिस में गुम सुम होकर बैठ जाते हैं ! चौकीदार/ चपरासी को सब पता रहता है फिर भी पूछ ही लेते हैं, “साहेब, आज फिर पार्लियामेंट में घेराव करके आए हैं या राज्य सभा में कोई सरकारी बिल गिरा के आए हैं ! हाँ आप टेक्नीकल विश्व विद्यालय गए थे, कालेजों में शिक्षार्थियों को भाषण/ प्रवचन देने/सुनाने, फिर बच्चों ने कोई गुस्ताख़ी कर दी क्या “?
रोहित बेमुला एक छात्र था, राजनीति चमकाने वाले कहते हैं की वह दलित शोधार्थी था, शायद समय पर फीस जमा नहीं हो पाई या कोई और कारण भी हो सकते हैं, जिस कारण उसको आत्म ह्त्या करने पर मजबूर होना पड़ा ! आने वाली खबरों में यह भी कहा गया है की वह दर असल में दलित था ही नहीं, ओबीसी था ! साथ ही उसके पास से उसके हाथों लिखा एक अंतिम पत्र भी मिला, जिसमें उसने लिखा था की, “मैं अपनी समस्याओं से लड़ते हुए आत्म ह्त्या कर रहा हूँ, मेरे इस आत्म हत्या में किसी का कुछ लेना देना नहीं है” ! फिर ये राजनीति के पहलवान, चुनावी दंगल में हारने के बाद, अपनी खोई हुई चमक को वापस पाने के लिए, पीड़ित परिवार के जख्मों पर नमक का लेप करने पहुँच गए हैं आँखों में घड़ियाली आंसू लेकर,भूख हड़ताल करने “! अरे, भले मानुसो, क़ानून अपना काम कर रहा है, उसे करने दो, जांच चल रही है, उसमें विवधान मत डालो ! इसके अलावा भी तेलंगाना सरकार ने सीबी -सीआईडी को जांच के आदेश दे दिए हैं, जांच का रिजल्ट आने दो ! फिर नेताओं के पास करने को बहुत से देश हित से जुड़े काम है जिससे आम जनता का भला हो सकता है ! फिर ऐसे मौकों पर मीडिया वाले भी अपनी चोंच मारने के लिए तैयार बैठे रहते हैं ! इन्हें न किसी समाज से मतलब है, न किसी गरीब अमीर से, न जाति धर्म से, न अगला, पिछ्ला, दलील वर्ग से ! इन्हें जो ज्यादा पैसा देता है ये उसी की भाषा में बोलने लगते हैं ! इनसे भी जनता का मुंह भंग होता जा रहा है ! देश के जिम्मेवार नेताओ, ऐसे रोड शो, ड्रामावाजी, जादू की छड़ी, जनता ने बहुत झेल लिया है, यही कारण है की कांग्रेस ६8 सालों तक सत्ता पर चिपकी रही और नतीजा खिसकते खिसकते आज ५० सांसद के आसपास आगई है ! भूल चूक लेनी देनी ! कम लिखा है ज्यादा समझना और जनता की सेवा में मन लगाना ! जय हिन्द, जय भारत, मेरा भारत महान नेता नहीं !
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