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क्या ये विघटनकारी तत्तों द्वारा फैलाया हुआ मायाजाल तो नहीं है, जहां विपक्ष की सारी पार्टियां मिलकर उन देश के गद्दारों की हाँ में हाँ मिलाने लगी हैं जो पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में हैं ! मायावती बहीन जी से हमें काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतिक्षा थी, क्योंकि वे इन सब विपक्षी नेताओं से बिलकुल अलग हैं, खासतौर पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अपरिपक्वता से, जो बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं ! बहीन जी की नज़रों में देश की आन वान, शान, अखण्डता और स्वतंत्रता सबसे सर्वोपरि है ! फिर वे इन विघाघटनकारी, आतंकवाद फैलानेवाली शक्तियों की हाँ में हैं कैसे मिलाने लगी हैं ! अगर आने वाले विधान सभा चुनावों के लिए वोट बैंक की राजनीतिक चाल है तो भी देश के वफादार मुस्लिम भाई तो देश के प्रगतिशील, विकासशील और वफादार प्रत्याशियों को ही वोट देंगे ! आतंकवाद किसी मजहब से नहीं जुड़ा हुआ है, वह तो कन्हैया नाम को भी बदनाम करने वाला हो सकता है ! फिर ये राजनैतिक पार्टियां कोर्ट के फैसले पर भरोषा क्यों नहीं करती ! जब केस अब न्यायालय की चौखट पर जा चुका है, तो सुरक्षा कर्मियों को तथा न्यायाधीशों कोअपना काम करने दो ! वहां दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो जाएगा !
देश की विपक्षी पार्टियों के द्वारा खुले आम “पाकिस्तान जिन्दावाद” का नारा लगाने वालों का साथ देने पर पाकिस्तान में बैठा हुआ आतंकवादियों का सरगना एलईटी चीफ हाफिज सईद कितना खुश हो रहा होगा की “देखो दुनिया वालो, मेरे द्वारा रचा हुआ तमाशा देखो, मेरी खोपड़ी से उपजी ज़हरीली बेल भारत के विपक्षी नेताओं को भी अपनी चाल में फंसाने में कामयाब होगई है ! श्रीनगर में मेरा रुतवा मेरी सतरंजी चाल काम कर रही है और दिल्ली, भारत की राजधानी में वहां के प्रथम प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री जवाहरलाल नेहरू, के नाम का विश्व विद्यालय में पढने वाले छात्रों को भी मैं अपने शिकंजे में फंसा चुका हूं, पूरा विपक्ष उन विघटनकारी विद्यार्थियों का साथ दे रही है, इससे बड़ी उपलब्धी के अलावा एक आतंकवादी संघठन के सरगना को और क्या चाहिए ? और तो स्वयं उन महान आत्मा की बेटी के पोते जो आज आजादी दिलाने वाले पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं ने भी जेएनयू के परिसर में जाकर नारा लगाने वालों का समर्थ किया, !! “
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