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अभी तक हम लोग सोचते थे की कालाधन के जरिये अपने देश की अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला सबसे प्रथम देश स्विटजर लैंड है ! इसके बाद शायद जर्मनी और इंग्लैण्ड आते होंगे ! स्वतंत्रता के बाद हिन्दुस्तान के बड़े उद्योग पति, व्यापारी, राजनेता, फ़िल्मी दुनिया के सितारे आय कर बचाने के लिए बहुत सारा धन इन विदेशी बैंकों में डाल दिया करते थे ! इन बैंकों में काला धन रखने वालों को इस रकम को सुरक्षित रखने के एवज में हर साल फीस के तौर पर कुछ रकम पे करनी पड़ती है ! साथ ही कस्टोडियन बैंक खाता धारकों को एक कोड वर्ड अलॉट करता है ताकि उसकी कर चोरी उसके देश की सरकार की नज़रों में न आ पाये ! पिछली सरकारें इस काले धन के बारे में जानते तो थे लेकिन क्योंकि इसमें बड़े घराने, बड़े नेता राजनेता, ऊंची नाक वाले अपनी ही पार्टी के नेता शामिल थे, सरकार इस विषय को ठन्डे बस्ते में डालती रही ! १९७७ में पहली बार कांग्रेस से सत्ता छीनी और जनता पार्टी सत्ता में आई, मोरारजी देसाई जो कांग्रेस राज में वित्त मंत्री रहा करते थे और कर चोरों को जानते ही नहीं पहिचानते भी थे ! अगर वे कुछ दिन और रहते तो ये भांडा बहुत पहले फूट जाता लेकिन पी. एम. की कुर्सी की खींच तान में कर चोरों का मुद्दा फिर ठन्डे बस्ते में चला गया ! फिर तो कांग्रेस ८० में सत्ता पर काविज होगई थी और काला धन वालों की पाव बहार रही !
मोदी सरकार ने आते ही इस मुद्दे को उठाया और इन विदेशी बैंकों से संपर्क करके हिन्दुस्तान के कालाधन के द्वारा कर चोरी करने वालों के नाम भी प्राप्त कर लिए ! सरकार चाहती थी की ‘सांप भी मर जाय और लाठी भी न टूटे’, उसने इन कर चोरों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर काला धन उजागर करने और उसके ऊपर बना हुआ लीगल आय कर जमा करने का आफर दिया ! कुछ ने इस छूट का फायदा भी उठाया लेकिन बहुत सारे अभी तक कुछ और कन्सेशन के इंतज़ार में हैं ! देर सबेर उन्हें भी सरकारी आदेशों का पालन करना ही होगा, क्योंकि वित्तमंत्री ने कालाधन अनुपालन योजना का लाभ न लेने वालों को चेतावनी देते हुए कह दिया है “मंहगा पडेगा खिलवाड़” !
अभी ये किस्सा अधर में ही लटका हुआ था, कि ताजे समाचार ने ५०० भारतीयों की नींद भूख ही उड़ा दी जिन्होंने आय कर बचाने के चक्कर में अपना सफ़ेद धन काला करके पनामा के बैंकों में जमा करवा रखा था की “वहां विश्व की बड़ी बड़ी हस्तियां रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी, चीन के राष्ट्रपति, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री तथा करीब १४० जानी पहिचानी हस्तियों के बैंक अकाउंट हैं, इस छोटी सी ४० लाख की जनसंख्या वाली कंट्री पनामा में ! पाकिस्तान में तो एक तरह से जलजला सा आगया है ! उदर पूर्ती के लिए अमेरिका के रहमो कर्म पर नजरें बिछाए रहते हैं और इनके प्रधान मंत्री अपनी काली कमाई पनामा के बैंक में डाले हुए हैं ! लेकिन काला धन के जरिये कर चोरों को ऊपर वाले ने यहां भी नहीं छोड़ा “कोई देखे नहीं देखे ऊपर वाला तो देखता होगा “! भांडा फूटा उसी देश के पत्रकारों द्वारा, “घर का भेदी लंका ढावे ” ! यहां विपक्ष वाले ख्वाबी पंतगें उड़ा रहे हैं, कोई कह रहा है की इन लोगों में मोदी के साथ सफर करने वाले भी हैं, जिनके नाम हैं वे इसे झूट का पुलंदा बता रहे हैं ! ‘जितने मुंह उतनी बातें’ ! केंद्र सरकार जांच बिठाएगी, दूध का दूध पानी का पानी सामने नजर आ जाएगा ! देखते हैं इन काले धन वाले आय कर चोरों का ‘ऊंट किस करवट बैठता है’ ! हरेंद्र रावत द्वारका
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