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नेता बनते ही ४५ डिग्री में भी ठण्ड लगती है,
कच्छा बनियान हो गालों में मफलर सजती है,
अरबों रुपया विज्ञापन पर खर्च होते हैं,
गरीब के बच्चे भूखे पेट रोते रोते सोते हैं !
अगर प्रत्यक्ष देखना है,
शाहदरा में रेल के किनारे बसी झोपडियों में जाकर देखो,
गंदे नाले के साथ बसे बेबस लाखों इंसान रूप
में कंकालों को देखो !
आप नेताओ अगर मीडिया में ज़िंदा रहना चाहते हो,
मोदी के नाम से जुड़कर नाम नहीं कमा पाओगे.
उलटे जनता की नज़रों से गिर जाओगे !
मोदी जी पर गिरा हुआ कोई भी कंकण हीरा बन जाता है,
पर फेंकने वाला अपनी इज्जत भी नहीं बचा पाता है,
विधायक रही दूर की बात
नेताओं का थैला भी नहीं उठा पाता है !
इस समय आपकी झोली भरी हुई है, कुछ नेकी करो,
‘जिस झोपड़ी में जाकर चुनाव में वोट मांगते हो, याचक बनकर,
जाकर उनके जख्मों में इंसानियत का मल्लम भरो,
आप विधायकों को वेतन भत्ता बहुत मिलता है,
सब मिलकर दो दो महीने की सैलरी इन गरीबों के नाम करदो !
जन्नत नजर आएगी, विधायक की कुर्सी पक्की हो जाएगी,
नहीं तो नरक के कीड़े तो बनना ही है,
मौत खींच कर गहरे जहरीले कुंवे में पहुंचाएगी !
श्री राम बोलना पडेगा, भारत माता की जय !
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