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मोदी जी की यात्राएं,कांग्रेस के खेमे में सन्नाटा व् केजरीवाल की नौका मंझधार में

jagate raho
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मोदी जी की हाल ही में छ देशों की तूफानी दौरे ने और मोदी जी के बढ़ाए हुए दोस्ती के हाथ ने जहां छ: देशों के नागरिकों का दिल जीत लिया, उनके सुलझे और प्रगतिशील विचारों से विश्व की महान हस्तियां तक इनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके, वहीं कांग्रेस के खेमे में अपनी पार्टी के डूबते हुए सूरज को देखते हुए बैचैनी छाई हुई है ! वे अपने द्वारा किये हुए कुकर्मों से दुखी नहीं हैं, बल्कि मोदी जी के बढ़ते हुए कद और विकास पथ पर बढ़ते हुए क़दमों से परेशान हैं ! जहां विदेशों में वहां की जनता मोदी जी के विचारों, उनके आकर्षित व्यक्तित्व और विकास कार्यों से उनकी प्रशंसा कर रहे हैं वहीं कांग्रेसी अपने वही पुरानी बाबा आदम के जमाने की हंडिया में जले चावलों को मन मार कर उदरग्रस्त कर रहे हैं और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए मोदी जी के हर कार्य को नकार रहे हैं ! वे अपने जंक लगे जहाज के अंदर बैठे अपने बचाव के बारे नहीं सोच रहे हैं बल्कि मोदी जी के बढ़ते हुए रथ को किसी न किसी तरह रोकने की जुगत भिड़ा रहे हैं ! कांग्रेस के हाय कमान के कुकृत्यों से परेशान होकर इनके बहुत से कर्मठ और योग्य कार्यकर्ता, जो व्यक्ति पूजा से ज्यादा देश सेवा तथा अपने भविष्य को सुधारना चाहते हैं, पार्टी छोड़ छोड़ कर जा रहे हैं ! जो अभी तक पार्टी में जमे हैं वे हो सकता है गांधी परिवार के अहसानों के तले दबे पड़े हों ! सोनिया और राहुल को भी लगने लगा है की हिन्दुस्तान की राज सत्ता जिसे अभी तक ये परिवार की विरासत समझे बैठे थे, अब दुबारा नहीं मिलने की ! इसी डर के मारे वे मोदी जी के देश हित में किये गए सारे कार्यों को नकार रहे हैं और उनके हर विकास कार्यों में कोई न कोई पंगा लगा रहे हैं ताकि कम से कम मीडिया में तो बने रहें ! मोदीजी ने सफाई अभियान चलाया, उस पर कांग्रेसियों ने अपनी पार्टी का लेबल लगाने का प्रयास किया, जब की हकीकत ये है की इन्हें इतने साल केंद्र की सत्ता का सुख मिला, उन्होंने उस का भरपूर फायदा उठाया, जनता के सुख दुःख से इन्हें कभी कोई सरोकार नहीं रहा ! भारतीय सैना के तीनों अगं के जांबाज सैनिक देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए २४ घंटे सीमाओं पर हर घड़ी हर पल नजर लगाए रखते हैं, अवसर पड़ने पर कुर्वान भी होते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उनकी एक छोटी सी मांग “एक रैंक एक पेंशन” भी नहीं मानी थी, जो मोदी जी ने सत्ता पर बैठते ही एक साल के अंदर पूरा करके दिखाया ! कांग्रेसी राहुल को मोदी जी के मुकाबले में उत्तराने की कोशिश कर रहे हैं, बताइये राहुल के नाम से अगर नेहरु-गांधी परिवार का लेबल हटा लिया जाए तो इनकी अपनी निजी पहचान क्या है ? हाँ एक बार ये एक गरीब किसान की झोपड़ी में सोने चले गए थे, उस गरीब बेचारे की क्या हालत हुई होगी, कहीं पड़ोसी से मांगकर राहुल के लिए आटा चावल, सब्जी लाया होगा कहीं से उसके लिए खाट और बिस्तर का इंतजाम किया होगा और राहुल की फोटो मीडिया में अखबारों में आगई ! क्या राहुल ने उस गरीब किसान के बच्चे को गोद लेकर उसकी शिक्षा का प्रबंध किया या वहां के गरीब बच्चों की शिक्षा दीक्षा के लिए कोई पाठशाला खोली, नहीं ! मोदी जी अपना वेतन भत्ता गरीबों के बच्चों की शिक्षा दीक्षा और गरीबों की बेहतरी के लिए दान कर देते हैं ! मजे की बात यह है की सोनियाजी और राहुल को अपने पार्टी के सदस्यों पर ही भरोषा नहीं है तभी तो हर सदस्य से उनकी वफादारी का सबूत लिखित में माँगा जा रहा है !
अभी हाल की यात्राओं में मोदीजी ने कही प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भारत की एनएसजी की सदस्यता की स्वीकृति भी प्राप्त करली है, रूस को भी मोदी जी मनाने में सफल हो गए हैं ! रही चीन की बात, वो अभीतक राह में रोड़े अटका रहा है, पाकिस्तान को भी एनएसजी का सदस्य बनाने की वकालत कर रहा है ! यूएनओ में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में चार तो अभी तक भारत को समर्थन दे चुके हैं ! हमारे विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी व् प्रधान मंत्री मोदी जी चीन को मनाने का प्रयास कर रहे हैं ! रूस के राष्ट्रपति जी ने भी विश्वास दिलाया है की वे भी चीन को भारत को समर्थन देने के लिए पूरा प्रयास करेंगे ! अभी तक की जानकारी ये है की चीन ने अभी तक इस मुद्दे को अपने अजेंडा में शामिल ही नहीं किया है ! हमारी सोच सकारात्मक है बाकी जो होना है वह तो होगा ही ! अगर भारत इस क्लब का सदस्य बन गया तो ये मोदीजी की सबसे बड़ी सफलता होगी ! अभी तक राजयसभा में कांग्रेस अपने साथियों के बहुमत के बल पर हर रोज हंगामें किया करता था, मोदीजी के विकास कार्यों में अडचने पैदा करके राज्य सभा में विकास कार्यों के बिल पास नहीं होने देता था, लेकिन अब राज्य सभा में भी उसकी सदस्य संख्या घट गयी है और मोदी जी की ताकत और बढ़ गयी है !
दिल्ली को, केजरीवाल नामक राहु ने अपनी चपेट में ले लिया है ! जिस दिन से उसने दिल्ली की गद्दी संभाली है, उपराज्य पाल से, केंद्र से तथा दिल्ली पुलिस से पंगे लेता रहा है ! ये शख्स न खुद काम कर रहा है न किसी को करने देता है ! मीडिया को साक्षात्कार के लिए बुलाता है, केंद्र सरकार, दिल्ली के उपराजयपाल दिल्ली पुलिस को अनपढ़, गंवार, नकारा, बताता है, अपनी नाकामी का जिम्मेदार उन्हें बता कर अपने सारे निष्क्रिय कामों को सही बताने की वकालत करता है ! प्रेस कांफ्रेंस बुलाता है, मोदी सरकार और उप राज्यपाल को बुरा भला कहकर प्रेस रिपोर्टरों के सवालों का का बिना जबाब देकर भाग खड़ा होता है ! उसने अपने २१ विधायकों को पार्लियामेंटरी सचीव बना कर राजनीति के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ने की कोशिश की, लेकिन दाव उलटा पड़ गया, राष्ट्रपति ने अपनी स्वीकृति देने से इंकार कर दिया और अब चुनाव आयोग द्वारा इन २१ विधायकों की विधान सभा की सदस्यता कभी भी निरस्त की जा सकती है ! केजरीवाल जी ने हाल ही में दिल्ली के सासंद श्री महेश जी से पंगा तो ले लिया पर अब उनसे बचता फिर रहा है ! बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी ! सौ सुनार की एक लुहार की ! चोट गहरी लगती है ! हरेंद्र अमेरिका से

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