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दिवाली की शुभ कामना सब हैं एक समान,
दो शब्द जोड़ कर लाया हूँ, हरेन्द्र मेरा नाम
हरेन्द्र मेरा नाम, दिवाली दीपों का त्यौहार
बम पटाके बंद करो, होय चीन लाचार !
कहे रावत कविराय प्रदूषण मिट जाएगा,
भारत की सुंदरता पर फिर कुदरत मुस्कराएगा !
जग मग जग मग दीप जले, अंधकार भागे,
निशाचर छिप जाएंगें, हम होंगे सबसे आगे !
दिवाली की जगमग में लक्ष्मी फिर आएंगी,
जहाँ जहाँ स्वच्छता होगी, वहीँ वो जाएंगी !
उल्लू है सवारी उनकी साथ वो भी आएगा !
जुवारी- शराबियों को वो उल्लू बनाएगा !
अष्ट सिद्धि नव निद्धि के दाता हनुमान जी भी आएँगे,
भगवान् राम आ रहे अयोध्या ये सन्देश सुनाएंगे !
आओ सब मिलकर बोलो, पारम्परिक त्यौहार मनाएंगे,
बम पटाके नहीं, दीप, मोमबती फूलझड़ी ही जलाएंगे !
बच्चों का बचपन सुधरेगा, हर चेहरे पर होगी मुस्कान,
लक्ष्मी अगर खुश होंगी फिर खुश होंगे भगवान् !
दिवाली की शुभ कामना, सब हैं एक सामान ! हरेन्द्र
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