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राहुल, मायावती और ममता मोदी जी के नोटबंदी पर सबसे ज्यादा परेशान हैं

jagate raho
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जब कोई शातिर डकैत अरबों की खिचड़ी पकाता है तो उसके बचाव में क्या कहना है और क्या करना है पहले ही सोच कर रखता है ! हाल ही में मायावती जी के भाई श्री आंनद कुमार जी के असीमित रुपयों और सोने चांदी के खजाने पर रेड पड़ गयी ! उनहोंने कही सालों से, जब जब भी बहिन मायावती सता के शीर्ष पर बिराजमान रही, गले में दलित कार्ड डाल कर खूब लूट खसूट मचाकर पार्टी का खजाना भरा सो भरा अपना भी घर आँगन, तिजोरी, खटिया ५००, ५०० सौ और हजार हजार के लाखों नोटों और सोना चांदी से भर दिए ! हर तरफ नोट ही नोट नजर आते थे, पड़ोसी कहते थे “लगता है इनके घर में या तो नोटों की वारीष हो रही है या कोई आँगन में ऐसा पेड़ उग आया है जिस पर केवल हजार और पांच सौ के ही नोट रूपी फल लग रहे हैं ! ७ नवम्बर २०१६ तक खूब जश्न मनाया जाता था, भूले भटके कोई ईडी या आयकर विभाग वाला कुछ पूछताछ कर लेता तो भाई बहिन आँखें दिखाते हुए उसे दलित कार्ड दिखाकर चलता कर देते. ! निरंकुश एक छत्र राज था ! सारा पैसा अनकाउंटेड आयकर विभाग की नज़रों से बचा कर काली कोठी में काला करके रखा हुआ था ! २०१७ में उत्तर प्रदेश विधान सभा के चुनाव आने वाले हैं ! मौजूदा एसपी सरकार परिवार के आपसी खींचतान के बीच फंसी पडी है, आने वाले चुनावों में ये कोई जलवा दिखा नहीं पाएगी ! कांग्रेस की नाव वैसे ही जीर्ण शीर्ण हालात में डूबने के कगार पर खड़ी है ! नाव पर चप्पू चलाने के लिए गांधी परिवार का और कांग्रेस का एक मात्र वारीष, राहुल गांधी को बिठा रखा है, जिसको अपनी मंजिल का ही पता नहीं ! नाव मझधार में है, किसी बड़े तूफ़ान का इन्तजार कर रही है ! असली रस्सा कस्सी अबके आने वाले यूपी के विधान सभा चुनाव में बीएसपी और बीजेपी के बीच है ! बीएसपी ने पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं के लिए ये धन काला करके सुरक्षित रखा था ताकी अन्य सालों की तरह इस साल भी पैसों के बल पर दलित और मुस्लिम वोटों पर काबू किया जा सके ! लेकिन मोदी जी ने ५००-१००० के नोटों को प्रतिबंधित करके सारा खेल ही बिगाड़ दिया ! ये तो सारे भारत वासियों को पता था की मोदी जी देश के ऐसे पहले प्रधान मंत्री हैं जो न स्वयं खाएंगे न किसी को खाने देंगे ! पर वे बड़े बड़े नोटों को ही बंद कर देंगे, ये किसी ने सोचा भी नहीं था !
जब पत्रकारों ने मायावती जी से पूछा की “आप बताएंगी की आपके भाई आनंद कुमार ने ‘०८ नवम्बर और २३ दिसम्बर’ के बीच १०४ करोड़ बैंक में पार्टी के खाते में जमा किये हैं और डेड (१.५ करोड़) करोड़ अपने खाते में, इतनी बड़ी रकम आखिर आपके भाई के पास आई कहाँ से” ? इसके जबाब में श्रीमती मायावती जी ने फरमाया की, ” मेरी पार्टी को दलित होने के कारण बदनाम करने की बीजेपी की चाल है ! हमने कोई गलत काम नहीं किया है” !
गांधी परिवार पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों के बोझ तले दबा पड़ा है ! ६७ सालों में ११ सालों को छोड़ कर ५६ सालों तक केंद्र सरकार पर केवल और केवल कांग्रेस पार्टी ने शासन किया है, उसमें भी पीएम की गद्दी पर अपनी विरासत समझकर नेहरू गांधी परिवार ही बैठा रहा ! जिन नेताओं को अपनी योग्यता पर पूरा भरोषा था और इस परिवार की
निरंकुशता से तंग आ चुके थे, वे कांग्रेस से किनारा करके ही प्रधान मंत्री बन पाए थे ! मोरारजी देसाई, चौधरी चरणसिंह, वीपी सिंह, चंद्र शेखर, एचडी देवेगौड़ा, इंदकुमार गुजराल ये इतिहास की जीती जागती घटनाएं हैं ! राहुल गांधी कहता है की मोदी जी ने देश में नोट बन्दी करके अमेरजेंसीय लगा दी है ! लगता है की राहुल गांधी को अमेरजेंसी का असली मतलब नहीं पता ! उन्हें देश पर उनकी दादी द्वारा थोपा गया अमरजेंसी काल में कैसी कैसी दुर्घटनाएं घटी, अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाने हेतु भाजपा नेता श्री लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा लिखी पुस्तक ” A PRISONER’S SCRAP -BOOK” पढ़नी चाहिए, फिर उन्हें पता लगेगा अगरजेंसी में आप की तरह कोइ गला फाड़ फाड़ कर भाषण देना तो दूर की बात जोर से आवाज भी नहीं निकाल सकता था ! कोर्ट ने इन्द्रा गांधी के सांसद के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था, इन्द्रा जी ने त्याग पत्र देने की जगह देश में २६ जून १९७५ को एमरजेंसी लगा दी ! बड़े बड़े विपक्ष के नेता, जयप्रकाश नारायण, कृपलानी, राजनारायण, अटल बिहारी बाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी, पीलू मोदी, बीजू पटनायक जैसों नेताओं को जेल के अंदर बंद कर दिया गया misa के अन्तर्गत केवल इसलिए की उन नेताओं ने इन्दाजी को कोर्ट के आदेश का सम्मान करने को कहा था ! संविधान में जनता को दिए गए बहुत से स्वाधीनता के अंश हटा दिए गए ! जनता को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को असीमित पावर देदी गयी ! संजयगांधी के ७ सूत्रीय प्रोग्राम के अंर्तगत पुलिस और अस्पताल वालों ने बहुत से कुंवारों के फॅमिली प्लानिंग के नाम पर गलत सर्जरी करवा दी ! न कोई सरकार के खिलाफ कुछ बोल सकता था, न चार आदमी आपस में कहीं पार्क, सडकों में ही खड़े होकर बातें कर सकते थे, रैली, हड़ताल, बंध, भाषण वाजी करना तो दूर की बात थी ! भारत में पूरी तरह हिटलरशाही चल रही थी ! अगर किसी कांग्रेसी वरिष्ठ नेता ने भी इन्द्रा जी को नैतिकता से त्यागपत्र देने को कहा वह सीधे जेल में होता था ! २१ मार्च १९७७ में जाकर अमरजेंसी हटी, देश के सारे विपक्षी इकट्ठे हुए, महागठबंधन बना, पार्टी का नाम था जनता पार्टी ! इसमें विभिन विचारधारा के लोग थे, कम्युनिष्ट, समाजवादी, अकाली, जनसंघ, क्रांतिदल और कांग्रेस से निकले हुए असंतुष्ट नेता थे ! चुनाव में अभूतपूर्व सफलता मिली थी जनता पार्टी को ! उत्तर भारत से कांग्रेस का पता साफ़ होगया था ! मोरारजी देसाई सर्व सम्मति से प्रधान मंत्री बने थे ! अगर किसान नेता चरणसिंह जी उस समय ज़रा संयम बरतते तो कांग्रेस कभी भी दुबारा केंद्र में नहीं आपाती ! इन्द्रा जी जो उन दिनों विपक्ष में थीं, ने इन्हें प्रधान मंत्री बनने के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया और चरणसिंह जी ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ जनता पार्टी से नाता तोड़ दिया, इस विश्वास कै साथ की इन्द्रा जी के ८४ सांसद उसे स्पोर्ट करेंगे, उन्होंने राष्ट्रपति जी के सामने प्रधान मंत्री बननेके लिए कुछ सहयोगियों के साथ अपना दावा पेश कर दिया, राष्ट्रपति जी ने उन्हें कार्यवाहक प्रधान मंत्री की शपत दे दी थी और संसद में १५ दिन के अंदर अपना बहुमत सिद्ध करने का समय दिया था, लेकिन ऐन वक्त पर इन्द्रा जी ने उन्हें अपनी पार्टी का सपोर्ट देने से इनकार कर दिया, श्री चरणसिंह जी रह गए कार्यवाहक प्रधान मंत्री, नए चुनाव हुए और १९८० में देश की जनता ने जनता पार्टी के स्वार्थी रवैये से खिन होकर फिर इन्द्रा जी के हाथों में देश की बागडोर दे दी ! नतीजा जनता परिवारवाद को आज तक भोगती रही है !
राहुल गांधी मोदीजी से ५ सवालों का जबाब मांग रहे हैं, जनता राहुल गांधी से ही पूछती है की २००४ से २०१४ के बीच जो संगीन अफराध हुए, घोटाला हुए, कॉमन वेल्थ गेम में कांग्रेसी नेता कलमांडी ने कही ७०,००० करोड़ का घोटाला किया था, उस पर क्या ऐक्शन लिया गया ? टूजी घोटाला करीब १.७ लाख करोड़ रुपया, कोयला आवटन घोटाला, आदर्श सोसाइटी घोटाला, कॉल माइनिंग १.८६ लाख घोटाला. ये घोटाले सब कांग्रेस के राज में उनके भारी भरकम नेताओं द्वारा किये गए ! ममताजी के कार्यकाल में पश्चिमी बंगाल में भी कही घोटाला हुए, काला धन तिजोरियों में पार्टी फंड के नाम पर करोड़ों नॉट पड़े थे पुराने १००० और ५०० के नोटों के रूप में ! इसीलिये उन्हें मोदीजी पर आक्रोश है ! लालू जी तो १५ साल तक बिहार सीएम रहे और प्रदेश की गति आगे की जगह पीछे चली गयी, उनके द्वारा किये गए घोटालों की चर्चा तो जग जाहिर है !! नीतीश कुमार जी ने अपनी सूझ बुझ और ईमानदारी से बिहार को विकासपथ पर लाने का प्रयास किया है और वे सफल भी हो रहे हैं ! नीतीशजी ने नोटबंदी पर मंमता को सहयोग न देकर मोदीजी के इस कदम को समर्थन दिया और बदले में ममता बनर्जी ने उन्हें गद्दार की पदवी दे डाली ! लालू जी का बेटा बिहार में मंत्री है और कभी कभी गाड़ी इतनी तेजी से चलाता है की बेचारे रिक्शा चालक का रिक्शा ही तोड़ देता है ! ये सारे नेता विपक्ष का महा गठबंधन बनाना चाहते थे लेकिन कामयाब नहीं हो पाए ! फिर इन लोगों के पास कालाधन भी असीमित मात्रा में है इसीलिए ये मीडिया में आकर अपना वजूद बनाये रखना चाहते हैं और साथ मोदी जी को उल्टा सुलटा सुनाकर मीडिया में भी बने रहना चाहते हैं बतायाकी समय समय पर मीडिया जनता को इनकी मुर्दनी सूरत दिखाती रहे ! हरेन्द्र

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