Menu
blogid : 12455 postid : 1326812

ख़ुशी और गम

jagate raho
jagate raho
  • 456 Posts
  • 1013 Comments

जहां ख़ुशी वहां गम भी होता है,
फिर हे मानव क्यों गम पर रोता है,
कर इस दिल को मजबूत इतना,
की खुद गम आकर तुझ से पूछे ,
‘भैया डरता हूँ मैं तुझसे
बता मेरी जगह कहाँ है’ !
जब खुशियों की वरसात बरसती है,
तुम खुशी ख़ुशी नहा लेते हो,
बसंती खुशबू में भंवरा बन,
गुन गुन की धुन बजाते हो !
फिर गम से क्यों डरते हो,
बेकार में नफरत करते हो,
ये गम ही स्ट्रांग बनाएगा,
खुशियों का मोल बताएगा ! हरेंद्र

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply