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क्या सच मुच में केजरीवाल अपने बचे हुए समय का सदुपयोग
करके दिल्ली वालों के लिए कुछ करके जाना चाहते हैं ?
भगवान् को हाजिर नाजिर मानते हुए अगर हाँ, तो
सबसे पहले दिल्ली वालों को “हवा और पानी में घुला तेज़ाब से”
जो नाजायज कालोनियों में चल रही जहरीली गैस
फ़ैलाने वाली फैक्ट्रियों से निकल कर सांश की बीमारियां फैला रही हैं,
उनसे छूट कारा दिला दे ! लाखों दिल्ली की
जिंदगियां बच जाएंगी और अगले ५ सालों तक आ आ
को फिर गद्दी मिल जाएगी !! ! कहो कैसी रही ?
एक और बात क्या कभी आप गद्दी पर बैठने के बाद, दिल्ली की जग-प्रसिद्द
नगरी द्वारका देखी है ? सड़कों के किनारे पैदल रास्तों
पर या तो पंचर लगाने वाले, रेडी पर सब्जी-फल बेचने वाले या फिर नारियल का पानी
पिलाने वाले ढेर सारा कचरा सड़कों के किनारे या फिर पार्कों में फेंक देते हैं ! किसी ने
कभी उन्हें टोक दिया तो सब एक साथ हो जाते हैं उलटा पैदल चलने वाले वहीं के रहने
वालों को आँखें दिखाने लगते हैं ! पुलिस वाले भी तमाशवीन बन जाते हैं ! क्या आप
द्वारका को सच मुच का द्वारका बना दोगे ? पानी- बिजली आम समस्याएं हैं,
बढ़ती हुई आबादी के साथ यह समस्या नगण्य हो जाती है ! महिलाओं व् वरिष्ठ
नागरिकों की समस्याएं दिन पार्टी दिन सुरसा की तरह बढ़ती जा रही हैं ! क़ानून
व्यवस्था बनाए रखना, जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है,
लेकिन राज्य सरकार के मंत्री, आय मंत्री सहायक मंत्री तथा उनके सचिव ही
इतने हो जाते हैं की मुख्य मंत्री पूरी सुरक्षा अपनी सरकार की सुरक्षा पर लगा देती है फिर
जनता ……? भूल चूक लेनी देनी
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