Menu
blogid : 12455 postid : 1354521

प्रकृति का संदेश, मेरे पोते की पसंद

jagate raho
jagate raho
  • 456 Posts
  • 1013 Comments

sky

पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँचे उठ जाओ,
सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ।

समझ रहे हो क्या कहती है, उठ-उठ गिर-गिर तरल तरंग,
भर लो, भर लो अपने मन में, मीठी-मीठी मृदुल उमंग।

पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो, कितना ही हो सिर पर भार,
नभ कहता है फैलो इतना, ढक लो तुम सारा संसार।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply