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जरा मौज मस्ती करलो

jagate raho
jagate raho
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ये जिंदगी है मौज मस्ती की, बड़ी महगी, नहीं है सस्ती !
आलम यह है, पेट में कैंसर पल रहा है,
जेब नोटों से भरा है,
यमदूत दरवाजे पर खड़ा है,
पर पैसे खर्च नहीं करना है,
मरीज खाट पर पड़ा है !
ये दो नंबर की कमाई है,
साथ लेकर चलना है,
वहां डंडा न पड़ें, रिश्वत के पैसों का इंतजाम करना है !
यहाँ कमाई नहीं दिखा सकता,
टैक्स से बचना है,
मेरे सीए ने ऐसा ऑडिट किया है,
कोई घोटाला उजागर नहीं हुआ है,
काला धन था, पर मेरे ख़ास चम्मचों ने
सब सफ़ेद कर दिया है,
नोटबंदी से कुछ रकम काली कोठी में पड़ा है,
उसे नर्क स्वर्ग जो भी मिलेगा,
चित्रगुप्त के पास जमा करना है !
सुनने में आया है कि घोटालेबाजों, चोर, डकैतों,
काला धन जमा करने वालों, हत्यारे,
नारी की इज्जत उतारने वालों और
टैक्स चोरों को,
नरक की धधकती हुई अग्नि की लपटों से,
तंग सुरंग से गुजरना पड़ता है !
बड़े लोगों ने भी पाप बड़े किये हैं, मवेशी चारा तक पर हाथ मारा है,
रेलमंत्री था, पेटभरकर खाया है,
गरीब की सारी दवाइयां बाजार में बेचीं,
बाफर्स गन में कमीशन ली,
नकली गन बॉर्डर पर पहुंचाई हैं !
आज तक क़ानून भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाई हैं !
इंग्लैण्ड और स्विस बैंकों में अरबों बेनामी सम्पति अपनी पड़ी है,
सत्ता पारिवारिक समझकर इर्द गिर्द खड़ी है !
नर्क से अपनों के मैसेज आते हैं,
लिखते हैं वहां भी रिश्वत, कमीशन समझ कर खाते हैं !
आखरी वक्त सारी धन सम्पति रजिस्ट्री शरीर पर बंधवा देना,
ये शरीर तो पञ्च तत्व में मिल जाएगा,
सम्पति की रसीद दिखाकर वहां से सब मिल जाएगा !
धरती की केवल एक लंगोटी, नर्क में पूरा बिस्तर मिलता है,
पापियों का बहुमत देखकर, यमराज खुद हिलता है !

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